Edited By Kalash,Updated: 16 Jul, 2023 02:13 PM

पंजाब में मानसून की बारिश और हिमाचल से आए पानी के बहाव के कारण जिला में पिछले 6 दिनों बाढ़ जैसी स्थिति के बने हालात अब कुछ सामान्य होने लगे हैं
जालंधर : पंजाब में मानसून की बारिश और हिमाचल से आए पानी के बहाव के कारण जिला में पिछले 6 दिनों बाढ़ जैसी स्थिति के बने हालात अब कुछ सामान्य होने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों से बारिश के थमने और भाखड़ा-ब्यास डैम के फ्लड़ गेट न खोले जाने से शाहकोट, लोहियां व फिल्लौर के निचले गांवों में भरे पानी का स्तर कम होना शुरू हो गया है परंतु इसके बावजूद लोगों के मुसीबतों की बाढ़ खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जिन इलाकों में पानी का प्रकोप कम हुआ है वहीं घरों, दुकानों व खेतों में घुसी गंदगी और कीचड़ लोगों को परेशान कर रहा है।
इतना ही नहीं दयनीय हालातों से लोगों में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल की अगुवाई में जिला के सभी प्रशासनिक व अन्य विभागों के अधिकारी राहत प्रबंधों में जुटे रहें, वहीं निकाय मंत्री बलकार सिंह, सांसद सुशील रिंकू, सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी मोर्चा संभाले हुए हैं। सांसद सीचेवाल की संगत और मनरेगा के श्रमिक आज भी धुस्सी बांध की दरार को भरने व उसे पक्का करने के काम में जुटे रहे।

पानी का स्तर कम होने से एन.डी.आर.एफ., सेना की टीमें भी वापस लौटनी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग व पशुपालन विभाग ने गावों के बाहर कैंप लगा रखे हैं जहां बीमार लोगों के इलाज के प्रबंध किए गए हैं। पावरकाम के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से बिजली की आपूर्ति के प्रबंध करने को लेकर जद्दोजहद की जा रही है। वहीं आज भी कईं गावों में 5-6 फुट तक पानी भरा हुआ है और प्रभावित लोग अपने घरों का सामान लेकर छत्तों पर डेरा डाले हुए हैं। अगर आने वाले दिनों में भी बारिश न हुई तो अगले चंद सप्ताह में हालात सामान्य जैसे हो सकते हैं।


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