Edited By Paras Sanotra,Updated: 26 Aug, 2023 07:17 PM

विजिलेंस ब्यूरो द्वारा तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए मौड़ मंडी के डी.एस.पी. बलजीत सिंह को शनिवार दोपहर के समय विजिलेंस टीम ने अदालत में पेश किया।
बठिंडा (विजय): विजिलेंस ब्यूरो द्वारा तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए मौड़ मंडी के डी.एस.पी. बलजीत सिंह को शनिवार दोपहर के समय विजिलेंस टीम ने अदालत में पेश किया। जहां पर अदालत ने आरोपी डी.एस.पी. को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। वहीं आरोपी डी.एस.पी. के रीडर मनप्रीत सिंह से बरामद हुई एक लाख रुपए की रकम के बारे में विजिलेंस की ओर से गहराई के साथ जांच की जा रही है।
आरोपी डी.एस.पी. बलजीत को अदालत में पेश करने पहुंचे विजिलेंस के डी.एस.पी. कुलवंत सिंह ने बताया कि आरोपी डी.एस.पी. बलजीत सिंह विजिलेंस की पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा। उन्होंने बताया कि आरोपी के सभी बैंक खातों एवं ज़मीन-जायदाद की जांच होगी। डी.एस.पी. कुलवंत ने बताया कि आरोपी के रीडर मनप्रीत से मिली एक लाख रुपए की रकम के बारे में अभी जांच जारी है।
गौरतलब है कि विजिलेंस द्वारा रिश्वत लेते हुए पकड़े गए मौड़ मंडी के डी.एस.पी. बलजीत सिंह का नाम डी.जी.पी. कार्यालय की ओर से जारी की गई बदली लिस्ट में शामिल है। डी.जी.पी. कार्यालय की ओर से जारी की गई लिस्ट में 9वें नंबर पर आरोपी डी.एस.पी. बलजीत सिंह का नाम शामिल है। इस लिस्ट के अनुसार आरोपी डी.एस.पी. को मौड़ मंडी से बदल कर लड्ढा कोठी संगरूर लगाया गया है।
डी.जी.पी. कार्यालय की ओर से ईमेल के माध्यम से जारी की गई लिस्ट में कुल 19 डी.एस.पी. के तबादले किए गए हैं। उक्त लिस्ट 26 अगस्त को ही जारी की गई है। इस लिस्ट में आदेश दिए गए हैं कि ट्रांसफर किए गए सभी डी.एस.पी. तुरंत अपने मौजूदा स्टेशन से रिलीव होकर 27 अगस्त को नए स्थान पर उपस्थित होकर चार्ज संभालेंगे।
डी.जी.पी. कार्यालय नहीं रहता अपडेट
उक्त लिस्ट के अनुसार डी.जी.पी. कार्यालय अपडेट दिखाई नहीं दे रहा। 25 अगस्त शुक्रवार को मौड़ मंडी में तैनात डी.एस.पी. बलजीत सिंह को विजिलेंस द्वारा तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया जाता है। जिस की खबर कुछ ही समय बाद पूरे मीडिया में आ जाती है। लेकिन उसके बावजूद आरोपी डी.एस.पी. को नया स्टेशन अलॉट कर दिया जाता है। पंजाब पुलिस के एक पूर्व सीनियर अधिकारी का कहना था कि आरोपी डी.एस.पी. को नया स्टेशन अलॉट नहीं किया जाना बनता था। उन्होंने बताया कि नियमों के अनुसार उसे कोई हेडक्वार्टर अलॉट किया जा सकता था। लेकिन उससे पहले उक्त डी.एस.पी. को सस्पेंड किया जाना बनता था।
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