Edited By Urmila,Updated: 21 Feb, 2025 11:30 AM
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पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत पिछले तीन महीनों से फरार चल रहे सहायक श्रम आयुक्त होशियारपुर, पी.सी.एस. हरप्रीत सिंह को 30,000 रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जालंधर/चंडीगढ़ : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत पिछले तीन महीनों से फरार चल रहे सहायक श्रम आयुक्त होशियारपुर, पी.सी.एस. हरप्रीत सिंह को 30,000 रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस मामले में उनके कार्यालय में तैनात महिला कम्प्यूटर आप्रेटर अल्का शर्मा को सहायक श्रम युक्त के नाम पर 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पहले ही रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है। विजिलेंस ब्यूरो ने हरप्रीत सिंह को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब उसने स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। होशियारपुर की अदालत ने आज आगे की जांच के लिए विजिलेंस ब्यूरो को एक दिन की पुलिस रिमांड मंजूर कर ली।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह मामला कश्मीरी बाजार, होशियारपुर के एक दुकानदार की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो को बताया कि उसकी एक आभूषण की दुकान है, जिसका उसने हाल ही में जीर्णोद्धार कराया था। बाद में उन्हें सहायक श्रम आयुक्त, होशियारपुर के कार्यालय से एक नोटिस प्राप्त हुआ। जब वह संबंधित कार्यालय में गए तो वहां मौजूद कम्प्यूटर आप्रेटर अल्का शर्मा ने उन्हें बताया कि इस मामले में उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा, लेकिन वह अपने वरिष्ठ अधिकारी हरप्रीत सिंह सहायक श्रम आयुक्त से बात करके मामले को सुलझाने में उनकी मदद कर सकती हैं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने बताया कि अलका शर्मा ने उनसे नोटिस छीन लिया और हरप्रीत सिंह के कार्यालय में चली गईं। कुछ समय बाद उन्होंने शिकायतकर्ता को भी कार्यालय में बुलाया जहां पी.सी.एस. हरप्रीत सिंह ने नोटिस खारिज करने की एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता ने रिश्वत की मांग से संबंधित बातचीत को मौके पर ही रिकार्ड कर लिया तथा साक्ष्य के तौर पर ब्यूरो को सौंप दिया।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद विजिलैंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया, जिसके दौरान उक्त दोषी अल्का शर्मा, कम्प्यूटर आप्रेटर को दो सरकारी गवाहों की हाजिरी में शिकायतकर्ता से 30,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू कर लिया गया, जबकि हरप्रीत सिंह, पी.सी.एस., कार्यालय छोड़कर भाग निकले।
इस संबंध में ब्यूरो के जालंधर रेंज पुलिस स्टेशन में दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीमें होशियारपुर के सहायक श्रम आयुक्त हरप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करती रहीं। प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले की दूसरी आरोपी अलका शर्मा अभी भी जेल में है क्योंकि अदालत ने उसे जमानत नहीं दी है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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