टी.बी. का गढ़ बना यह गांव ,मां के मुंह से सुनें बच्चों को खोने का दर्द

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 04:07 PM

आंखों में आंसू और ज़ुबान पर 2 मरी बेटियों का गम। यह है गांव भाई बखतौर की  रहने वाली महिला,जिसने टी.बी. के चलते अपनी बेटियों को खो दिया। सही इलाज न होने के कारण करीब एक साल पहले उसकी बेटी दर्शन कौर की मौत हो गई।  अब दूसरी बेटी कुलविन्दर कौर इसी बीमारी...

बठिंडाः आंखों में आंसू और ज़ुबान पर 2 मरी बेटियों का गम। यह है गांव भाई बखतौर की  रहने वाली महिला,जिसने टी.बी. के चलते अपनी बेटियों को खो दिया। सही इलाज न होने के कारण करीब एक साल पहले उसकी बेटी दर्शन कौर की मौत हो गई।  अब दूसरी बेटी कुलविन्दर कौर इसी बीमारी से लड़ते-लड़ते जिंदगी की जंग हार गई।
 

परिवार के दुख की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। मां और तीसरी बेटी भी इसी बीमारी से पीडित हैं। मगर घर में गरीबी इतनी है कि इलाज करवाना बस की बात नहीं। कहने को तो सरकारी अस्पतालों में टी.बी.  का इलाज मुफ्त होता है,परन्तु इस परिवार को सरकारी अस्पताल से सही इलाज नहीं मिला ।
 

टी.बी. का कहर सिर्फ इसी एक परिवार पर ही नहीं, पूरे गांव पर है। स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर फिलहाल इस गांव की दास्तान ने नीति आयोग की उस रिपोर्ट में झूठला दिया है , जिसमें पंजाब को सेहत सेवाओं के मामलो में नम्बर वन बताया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!