Edited By Subhash Kapoor,Updated: 03 Aug, 2025 07:50 PM

अमेरिकी राष्ट्र्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विशाल तेल भंडार की खोज के लिए पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा के बाद, प्रमुख बलूच नेता मीर यार बलूच ने संसाधन-समृद्ध क्षेत्र पर इस्लामाबाद के दावे को सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया है।
गुरदासपुर,बलूचिस्तान (विनोद): अमेरिकी राष्ट्र्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विशाल तेल भंडार की खोज के लिए पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा के बाद, प्रमुख बलूच नेता मीर यार बलूच ने संसाधन-समृद्ध क्षेत्र पर इस्लामाबाद के दावे को सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि तेल, गैस और खनिज भंडार बलूचिस्तान के संप्रभु क्षेत्र में हैं, पाकिस्तान में नहीं।
सीमापार सूत्रों के अनुसार ट्रंप को संबोधित और एक्स के माध्यम से सांझा किए गए एक पत्र में, मीर यार बलूच ने घोषणा की कि पाकिस्तान वित्तीय लाभ के लिए क्षेत्र की खनिज संपदा तक पहुँच का झूठा दावा कर रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये संसाधन, जिनमें दुर्लभ पृथ्वी तत्व, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और तेल शामिल हैं, केवल बलूच लोगों के हैं और पाकिस्तानी सरकार द्वारा इनका व्यापार या बिक्री नहीं की जा सकती।
मीर यार बलूच ने पोस्ट किया और चेतावनी दी कि पाकिस्तानी सेना ने अमेरिकी और संयुक्त राष्ट्र्र के अधिकारियों, खासकर सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को गंभीर रूप से गुमराह किया है, जिन्होंने कथित तौर पर जून में व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान ट्रम्प के साथ बलूचिस्तान के खनिज भंडार पर चर्चा की थी।
बलूच नेता ने इस सौदे को एक रणनीतिक भूल करार देते हुए कहा कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर पाकिस्तान के साथ कोई भी सांझेदारी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को मज़बूत करेगी, जिसे उन्होंने आतंकवाद को प्रायोजित करने के लंबे इतिहास वाली एक दुष्ट एजेंसी बताया।
पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान की कट्टरपंथी सेना और आईएसआई, जो अल-क़ायदा और जिहादी समूहों का समर्थन करने के लिए जानी जाती है, को बलूचिस्तान के खरबों डॉलर के भंडार का दोहन करने की अनुमति देना सीधे तौर पर वैश्विक आतंकवाद को वित्तपोषित करेगा। यह क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डालेगा और 9/11 जैसे हमलों को बढ़ावा दे सकता है।
मीर यार बलूच ने चेतावनी दी कि इस तरह के सौदों से होने वाला लाभ बलूच लोगों तक नहीं पहुँचेगा, बल्कि भारत-विरोधी और इजऱाइल-विरोधी आतंकवादी अभियानों को वित्तपोषित करेगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि बलूचिस्तान ने मई 2025 में खुद को एक स्वतंत्र गणराज्य घोषित कर दिया था और विश्व समुदाय से उसकी संप्रभुता को मान्यता देने का आग्रह किया। उन्होंने एक कड़े संदेश के साथ अपनी बात समाप्त की,बलूचिस्तान बिकाऊ नहीं है। हम पाकिस्तान, चीन या किसी भी विदेशी शक्ति को बलूच लोगों की स्पष्ट सहमति के बिना अपनी ज़मीन या उसके संसाधनों का दोहन नहीं करने देंगे। हमारी संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। वणर्नीय है कि ट्रम्प ने हाल ही में अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट किया, हमने अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका अपने विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। ट्रम्प ने आगे कहा, हम उस तेल कंपनी का चयन करने की प्रक्रिया में हैं जो इस सांझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जानता है, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे!