Edited By Kalash,Updated: 12 Mar, 2024 11:24 AM
फर्जी सफाई कर्मियों के अकाउंट में करोड़ों का फंड ट्रांसफर करने के आरोप में जहां नगर निगम कमिश्नर द्वारा 2 सेनेटरी इंस्पेक्टरों सहित हेल्थ ब्रांच के 7 मुलाजिमों को सस्पेंड करने के बाद उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाया गया है
लुधियाना (हितेश): फर्जी सफाई कर्मियों के अकाउंट में करोड़ों का फंड ट्रांसफर करने के आरोप में जहां नगर निगम कमिश्नर द्वारा 2 सेनेटरी इंस्पेक्टरों सहित हेल्थ ब्रांच के 7 मुलाजिमों को सस्पेंड करने के बाद उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाया गया है वहीं, इस घोटाले की गाज आडिट विभाग के अधिकारियों पर भी गिरी है जिनकी लुधियाना से ट्रांसफर कर दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक यह कार्रवाई नगर निगम कमिश्नर द्वारा सरकार को भेजी गई सिफारिश के आधार पर हुई है। इसके मुताबिक हेल्थ ब्रांच के मुलाजिमों द्वारा उन लोगों के अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने के बिल बना दिए गए, जिनका नाम नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज नहीं है।
इसके बावजूद आडिट ब्रांच के अधिकारियों द्वारा रिकार्ड को ठीक ढंग से चेक किए बिना ही पेमेंट रिलीज करने की सिफारिश कर दी गई। जबकि नियमों के मुताबिक ही बिल पास होना यकीनी बनाने की जिम्मेदारी आडिट ब्रांच के अधिकारियों की है। इसे लेकर कोताही बरतने के आरोप में जहां कमिश्नर ने आडिट ब्रांच के अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है वहीं, सरकार द्वारा उनसे लुधियाना का चार्ज वापिस ले लिया गया है।
सरकार ने दिए हैं सभी मुलाजिमों की वेरीफिकेशन के साथ रिकवरी करने के निर्देश
इस मामले में पुलिस के साथ लोकल बॉडी विभाग के विजिलेंस सेल द्वारा भी जांच की जा रही है। जिनकी रिपोर्ट के आधार पर प्रिंसिपल सेक्रेटरी द्वारा नगर निगम को ऑर्डर जारी किया गया है। इसमें सभी मुलाजिमों की वेरीफिकेशन करने के साथ उनको ट्रांसफर किए गए फंड की क्रॉस चेकिंग की जाएगी। इस संबंध में नगर निगम द्वारा ज्वाइंट कमिश्नर की अगुवाई में गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट हर हफ्ते सरकार को भेजनी होगी। इसके अलावा फर्जी सफाई कर्मियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए फंड की रिकवरी करने के लिए बोला गया है।
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