कल लग रहा है साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, पढ़ें क्या है समय और आप पर क्या होगा असर

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 03 Dec, 2021 04:53 PM

tomorrow is the last solar eclipse of the year

साल 2021 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण शनिवार 04 दिसंबर 2021 को लगने वाला है। जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

जालंधऱ : साल 2021 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण कल यानि शनिवार 04 दिसंबर 2021 को लगने वाला है। जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। 19 नवंबर 2021 को पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगने के बाद अब 04 दिसंबर 2021 अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।

हीलिंग तथा टैरेट कार्ड रीडर वरुण अग्रवाल ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार ग्रहण दोपहर 12.30 बजे शुरू होगा, दोपहर 01.03 बजे चरम पर रहेगा और दोपहर 01.36 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण साल का आखिरी सूर्यग्रहण होगा, इससे पहले 10 जून 2021 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। ग्रहण के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। 

4 दिसंबर को लगने वाला सू्र्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। पर आप गृहण की नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए अपने इष्ट देव की आराधना कर सकते हैं, अपने गुरु द्वारा दिए जाप अथवा पाठ को करें, श्री गायत्री मंत्र का जाप 1008 बार कार सकते हैं, श्री हनुमान चालीसा के 21 पाठ कीजिए, ॐ नमः शिवाय का जाप 1008 बार कीजिए अथवा राम राम श्री राम मंत्र का 1008 बार जाप करें। मंत्र जाप गुरुदीक्षा के साथ करने से जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति मिलती है। बताया जा रहा है कि यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जोकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका में दिखाई देगा।

अग्रवाल ने कहा कि सूर्य ग्रहण में ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। सूर्य ग्रहण पर हमारी ऊर्जा कम नहीं होगी परंतु सूर्य ग्रहण में सूर्य की किरणें हमारे लिए बहुत हानिकारक होती हैं। गृहण के समय सूर्य की किरणें को पृथ्वी का वायुमंडल और ओज़ोन परत बहुत कम मात्रा में फिल्टर कर पाते हैं। जिस कारण सूर्य की किरणें बहुत नुकसानदायक हो जाती हैं। सूर्यग्रहण पर सूतक काल ग्रहण के लगने से करीब 12 घंटे पहले लग जाता है। चंद्रग्रहण पर इसका प्रभाव 9 घंटे पहले होता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ग्रहण काल में सूर्य की किरने इतनी हानिकारक होती हैं की इस समय खाना बनाया या खाया भी नही जाता। ग्रहण काल में जो खाना बना होता है वो भी बाकी दिनों की तुलना में बहुत जल्दी खराब हो जाता है, इसी लिए हम बने हुए खाने में तुलसी के पाते डाल कर रखते हैं।

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