Edited By Tania pathak,Updated: 26 Jun, 2021 06:44 PM

लगता है कि कंप्यूटर अध्यापकों ने सरकार को सोशल मीडिया पर घेरने का पूरा मन बना लिया है। इसका ताजा उदाहरण इसी से पता चलता है कि मुख्यमंत्री की दूसरी वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी...
लुधियाना (विक्की): लगता है कि कंप्यूटर अध्यापकों ने सरकार को सोशल मीडिया पर घेरने का पूरा मन बना लिया है। इसका ताजा उदाहरण इसी से पता चलता है कि मुख्यमंत्री की दूसरी वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी डिसलाइकिंग की लाइन लग गई।
जानकारी के मुताबिक पिछले 10 वर्ष से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे राज्य भर के 7 हज़ार कंप्यूटर अध्यापकों ने सरकार की वायदा खिलाफी से तंग आ कर सरकार को हर मोर्चे पर घेरने का मन बना लिया है। अब राज्य भर के कंप्यूटर अध्यापक अनोखे ढंग के साथ सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर सरकार के प्रति अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं। आज जब आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 'नशीले पदार्थों के सेवन और अवैध तस्करी के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय दिवस’ के सम्बन्ध में वीडियो कांफ्रेंसिंग में लोगों को संबोधित कर रहे थे तो अध्यापकों ने डिसलाइक करने का सिलसिला शुरू कर दिया।
मीटिंग के यू-ट्यूब लिंक पर कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा बड़े स्तर पर 'डिस -लाइक्स' किए गए, जिसके चलते फिर एक बार राज्य सरकार की ख़ूब किरकिरी हुई।
खास बात तो यह है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग सुबह 11 बजे शुरू होनी थी परन्तु इस का यू-ट्यूब लिंक सुबह ही शेयर कर दिया गया था। यू-ट्यूब लिंक शुरू होते ही 'डिस -लाइक्स' भी तुरंत शुरू हो गए। आलम यह था कि कुछ देर के उपरांत में जहाँ 'लाइक्स' की संख्या सिर्फ़ 18 थी वहीं 'डिस -लाइक्स' ने 800 का आंकड़ा पार कर लिया था। पिछली मीटिंग की तरह इस बार कमेंट आप्शन बंद नहीं था जिस के कारण बड़ी संख्या में कंप्यूटर अध्यापकों ने इस लाइव वीडियो पर कमेंट करते हुए अपनी मांगे सरकार के समक्ष रखी। सायं 5 बजे तक जहाँ 'लाइक्स' की संख्या 714 तक ही पहुँच गई थी वहाँ 'डिस -लाइक्स' इस से लगभग 8 गुणा अधिक हो कर 5400 से अधिक हो चुके थे और 'डिस -लाइक्स' का यह सिलसिला लगातार जारी था।
दूसरे तरफ़ फेसबुक पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहाँ कंप्यूटर अध्यापकों ने कमेंट के द्वारा अपनी, जायज़ माँगें मुख्य मंत्री के समक्ष रखी।
क्या हैं कंप्यूटर अध्यापकों की मांगें
अपनी माँगों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कंप्यूटर अध्यापक नेता प्रभजोत सिंह बल्ल, दीप मलूका और परमवीर सिंह पंमी ने बताया कि उन की सेवाए 01 जुलाई 2011 से पंजाब सिविल सर्विस रूल्स के अंतर्गत वोकेशनल मास्टर के ग्रेड के साथ रेगुलर की गई थीं परन्तु 10 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी राज्य सरकार द्वारा उन्हें उनके अधिकार नहीं दिए गए। उन्होंने कहा कि उन की सिर्फ़ एक मात्र माँग है कि उनको बिना शर्त शिक्षा विभाग में मर्ज़ किया जाए और उनके बनते सभी लाभ उन्हें दिए जाएँ। नेताओं ने यह भी माँग की कि पिछले समय के दौरान जिन कंप्यूटर अध्यापकों की किसी भी कारण मौत हो गई है उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता के साथ साथ अनुकम्पा के आधार पर नौकरी दी जाए। नेताओं ने यह भी बताया कि आज (27 जून) को उनके द्वारा शिक्षा मंत्री के हलक़े लगभग 20 गाँवों में ‘वाहन मार्च’ निकालते हुए अपनी जायज़ माँगों प्रति आवाज़ बुलंद की जाएगी और सरकार द्वारा उनके साथ किए गए पक्षपात से अवगत करवाते पंफ्लेट भी लोगों में बाँटे जाएंगे।
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