SYL पर पंजाब और हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत

Edited By Vatika,Updated: 10 Sep, 2022 04:17 PM

supreme court gave advice to punjab and haryana government on syl

दूसरी ओर, हरियाणा सतलुज-यमुना नहर के निर्माण के फरमान को लागू करने के लिए दबाव बना रहा है।

जालंधर: सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले में पंजाब और हरियाणा सरकार को सहयोग करने के लिए कहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पानी एक प्राकृतिक संसाधन है और चाहे वह व्यक्ति, राज्य या देश हो जीवों को इसे सांझा करना सीखना चाहिए। कोर्ट का कहना है कि सतलुज यमुना लिंक नहर का निर्माण पिछले दो दशकों से लटका हुआ है।

वार्ता में पंजाब नहीं हुआ शामिल
इस मामले में 5 सितंबर, 2022 को जल शक्ति मंत्रालय के सचिव का एक पत्र अटॉर्नी जनरल ने अदालत के समक्ष पेश किया है। इस पत्र में 28 जुलाई, 2020 को विभिन्न राज्य धारकों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का निर्देश दिया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि इस बैठक के जो परिणाम सामने आते हैं. उसके बारे में उच्चतम न्यायालय को सूचित किया जाए। अटॉर्नी जनरल ने बताया कि काफी प्रयासों के बाद भी पंजाब वार्ता में शामिल नहीं हुआ है। दूसरी ओर, हरियाणा सतलुज-यमुना नहर के निर्माण के फरमान को लागू करने के लिए दबाव बना रहा है।

दो साल से नहीं हुई बैठक
इस मामले में पिछले करीब दो वर्षों से कोई बैठक नहीं हुई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2022 को जल शक्ति मंत्रालय, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को इस मामले में सहयोग करने का निर्देश दिया है, जिससे कि इस मामले में आगे प्रगति हो सके। इस मामले में शीर्ष अदालत ने अटॉनी जनरल के सुझाव को स्वीकार कर लिया है और सुप्रीम कोर्ट में प्रगति रिपोर्ट जमा करने के लिए चार महीनों का समय दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 1 जनवरी, 2023 को होगी।

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