राज्य ने की औद्योगिक प्रोजैक्टों के लिए समयबद्ध मंजूरियों की एक मिसाल कायम

Edited By Urmila,Updated: 29 May, 2022 10:13 AM

state sets an example of time bound approvals for industrial projects

: कारोबार करने में आसानी के क्षेत्र में पंजाब अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल के तौर पर उभरा है। राज्य ने औद्योगिक प्रोजैक्टों के लिए समयबद्ध मंजूरियों की एक मिसाल कायम की है और नवाचार एवं प्रौद्योगिकी...

चंडीगढ़: कारोबार करने में आसानी के क्षेत्र में पंजाब अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल के तौर पर उभरा है। राज्य ने औद्योगिक प्रोजैक्टों के लिए समयबद्ध मंजूरियों की एक मिसाल कायम की है और नवाचार एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्यम के उद्योग समर्थक माहौल की पेशकश की है। 

आला दर्जे का बुनियादी ढांचा और बेहतरीन संपर्क राज्य की क्षमता में आगे और विस्तार करता है। इन्वैस्ट पंजाब की मदद से पंजाब में अपना कारोबार शुरू करना बहुत आसान है जो कि सभी मंजूरियों और स्वीकृतियों के लिए एक वन-स्टॉप केंद्र है।
इन्वैस्ट पंजाब के सी.ई.ओ. कमल किशोर यादव ने उद्योगों और निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए न्यौता देते हुए बताया कि राज्य सरकार कारोबारों की मजबूती और सरकारी पारदर्शिता को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब उद्योगों और सार्वजनिक संस्थाओं के मध्य सहयोग बढ़ाने के लिए निरंतर काम कर रहा है, जिसका नतीजा हमारे सुधारों से स्पष्ट झलकता है। हम उद्योगों को मंजूरियां और प्रोत्साहन देने के लिए ऑनलाइन और पारदर्शी प्रणाली की पेशकश करते हैं। इन्वैस्ट पंजाब (पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टमैंट प्रोमोशन) ‘युनिफाइड रैगुलेटर’ के अपने मॉडल के साथ अपनी किस्म की एक ऐसी प्रणाली है। ब्यूरो के अधीन राज्य के विभिन्न विभागों के 23 अधिकारी काम करते हैं। इस अनूठे मॉडल को भारत सरकार द्वारा सभी 8 पैमानों पर 100 फीसदी के स्कोर के साथ 20 स्टेट इन्वैस्टमैंट प्रोमोशन एजैंसियों में से एक ‘टॉप परफॉर्मर’ के तौर पर मान्यता दी गई है।

इन्वैस्ट पंजाब के मॉडल का जिला स्तर पर भी विस्तार किया जा रहा है, जहां डिस्ट्रिक्ट ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड इन्वैस्टमैंट प्रोमोशन (डी.बी.आई. आई.पी.) की स्थापना की जा रही है। राज्य ने पंजाब राइट टू बिजनैस एक्ट 2020 भी लागू किया है। एक्ट के अंतर्गत कोई भी एम.एस.एम.ई. स्व-प्रमाणन के आधार पर राज्य में कारोबार स्थापित कर सकता है जो साढ़े 3 सालों की अवधि के लिए वैध है। सी.ई.ओ. ने कहा कि डीम्ड मंजूरियों की व्यवस्था पी.बी.आई.पी. (संशोधन) एक्ट 2021 के अंतर्गत लागू की गई है, जिसमें उद्योग यूनिट द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर निर्धारित समय की अवधि की समाप्ति पर ऑनलाइन स्वचालित मंजूरियां जारी की जाएंगी। डीम्ड मंजूरियों के लिए प्रोटोकॉल के अलावा स्व-प्रमाणन के आधार पर मंजूरियों के ‘ऑटो रीन्यूअल’ की एक प्रणाली भी पेश की गई है।

हाल ही के समय में व्यापारिक उत्पादन शुरू करने वाले कुछ प्रमुख प्रोजैक्टों में पैप्सीको (संगरूर), लुधियाना में कोका कोला (लुधियाना बेव्रेजिस), पैप्सीको (पठानकोट) के लिए कांट्रैक्ट निर्माता वरुण बेव्रेजिस, आई.ओ.एल. कैमीकल्ज (बरनाला), कारगिल (बठिंडा), वर्धमान स्पैशिलिटी स्टील (लुधियाना), राल्सन (लुधियाना), आरती इंटरनैशनल (लुधियाना), सैंचुरी प्लाईवुड (होशियारपुर), हैप्पी फोर्जिंग्ज (लुधियाना), हीरो ई-साइकिल्ज (लुधियाना), प्रीत ट्रैक्टर्ज (पटियाला), हारटैक्स रबर (लुधियाना), गंगा एक्रोवूल्ज (लुधियाना), हिंदुस्तान यूनीलीवर (पटियाला) शामिल हैं। स्वराज महेंद्रा, हैला लाइटिंग, एयर लिक्विड, ऐमिटी यूनिवर्सिटी, थिक गैस, वर्बीयो, एच.एम.ई.एल. और अन्य बहुत सी इकाइयां निर्माण और मशीनरी स्थापना के अलग-अलग पड़ावों के अधीन हैं।

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