फर्जी Travel Agents के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी, SIT का किया गठन

Edited By Kalash,Updated: 09 Feb, 2025 01:35 PM

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अमेरिका द्वारा डंकी लगा कर अवैध रूप से आए नौजवानों को वापिस डिपोर्ट करने के मामले को लेकर गंभीर हुई राज्य सरकार

लुधियाना (पंकज): अमेरिका द्वारा डंकी लगा कर अवैध रूप से आए नौजवानों को वापिस डिपोर्ट करने के मामले को लेकर गंभीर हुई राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर डी.जी.पी. गौरव यादव ने चार सीनियर पुलिस अधिकारियों की एक सिट का गठन करते हुए मानव तस्करी करने वाले फर्जी ट्रैवल एजेंटो खिलाफ कड़ी करवाई के आदेश दिए है।

मिली जानकारी अनुसार डी.जी.पी. गौरव यादव की तरफ से गठित सिट की अगुवाई ए.डी.जी.पी. प्रदीप सिन्हा करेंगे। इसमें ए.डी.जी.पी. (इंटरनल सिक्योरिटी) शिवे वर्मा, आईजी एस.भूपति और डी.आई.जी. सतिंदर सिंह होंगे। उक्त सिट फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के तौर पर कार्य करेगी और डिपोर्ट होकर वापिस आए नौजवानों से सम्पर्क कर उन्हें अवैध रूप में विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटो की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी करवाई करेगी।

बता दें की मौजूदा समय में पंजाब में लगभग 50 हजार के करीब फर्जी ट्रैवल एजेंट सक्रिय है जो भोले-भाले लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ना सिर्फ लाखों रूपए लूट रहे है बल्कि उनकी कीमती जिन्दगिया जोखिम में डाल कर उन्हें खतरनाक इलाकों से डंकी लगवाते है। पनामा के जंगलों सहित अन्य जिन बेहद खतरनाक रास्तो से नौजवानों को नाजायज तौर पर अमेरिका में घकेला जाता है उन रास्तो पर कई बार भूख और बीमारी से कई नौजवान अपनी जिंदगी से भी हाथ धो बैठते है।

डीजीपी द्वारा इस सिट के गठन के साथ-साथ सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर और एस.एस.पी. को भी स्पष्ट आदेश देते हुए सिट की हर तरह की सम्भव मदद करने के लिए कहा गया है। सिट पंजाब में नजायज रूप में मानव तस्करी करने वाले गिरोह अवैध ट्रेवल एजेंटो और इमिग्रेशन माफिया की जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही पुलिस अमेरिका से डिपोर्ट हुए पंजाबियों से सम्पर्क साध कर उन्हें अवैध तौर पर विदेश भेजने और लाखों रूपए लूटने वाले ट्रेवल एजेंटो और उनके दलालो खिलाफ कड़ी करवाई करने के आदेश दे चुके है। बता दें की महानगर लुधियाना में फर्जी ट्रैवल एजेंटो का प्रभावशाली माफिया सक्रिय है जो इसी तरह लोगो को लूटने का काम कर रहे है और इनमे से कई एजेंटो के खिलाफ पीड़ितों द्वारा दी दर्जनों शिकायतें पुलिस या सिविल प्रशासन के पास आरसे से जांच अधीन है। 

असल में पीड़ित जब कई माह तक शिकायत पर कोई करवाई ना होते देखता है तो मजबूरन उसे आरोपियों से राजीनामा करना पड़ता है। इसके बाद उसकी शिकायत का निपटारा कर दिया जाता है। सरकार अगर पीड़ितों द्वारा दी शिकायतों और उन पर हुई करवाई के आंकड़े निकलवा ले तो सारा खेल सहमने आ जाएगा।

अमृतसर में हुई पहली FIR

मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश उपरंत डीजीपी द्वारा गठित सिट के बाद जहा फर्जी ट्रैवल एजेंटो और उनके दलालो में हड़कंप मच गया है। वहीं अमृतसर पुलिस द्वारा इस मामले में पहली एफ.आई.आर. भी दर्ज कर आरोपियों खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी कर दी गई है।

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