Edited By Vatika,Updated: 09 Dec, 2020 10:41 AM

विश्वभर में बसे सिखों की आस्था से जुड़े श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को भारतीय क्षेत्र की तरफ से जाने वाले कॉरिडोर पर लॉकडाऊन का असर सबसे अधिक पड़ा है।
चंडीगढ़(रमनजीत सिंह): विश्वभर में बसे सिखों की आस्था से जुड़े श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को भारतीय क्षेत्र की तरफ से जाने वाले कॉरिडोर पर लॉकडाऊन का असर सबसे अधिक पड़ा है। कई महीनों बाद अनलॉक शुरू हुआ और धीरे-धीरे लगभग सारी गतिविधियां वापस पटरी पर आ चुकी हैं, ऐसे में लगातार उठ रही मांग के बावजूद कॉरिडोर के रास्ते गुरुद्वारा दरबार साहिब श्री करतारपुर साहिब के दर्शन की सुविधा बहाल नहीं हो पाई है। हालांकि पाकिस्तान ने धार्मिक स्थल को दोबारा खोलने का दो माह पहले ही ऐलान कर दिया था, लेकिन हैल्थ प्रोटोकॉल की बात कहते हुए भारत सरकार ने अभी भी कॉरिडोर को खोलने की प्रक्रिया में कदम आगे नहीं बढ़ाया है। कॉरिडोर को लेकर शुरू से ही भारतीय खुफिया एजैंसियां सतर्क रही हैं। वे समय-समय पर सरकार को इनपुट देती रही हैं, क्योंकि कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान में वीजा फ्री एंट्री है। एजैंसियों द्वारा बार-बार आगाह किया जाता रहा है कि पाक की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. संगत को टारगेट कर भारत विरोधी प्रचार करवा रही है। पाकिस्तान सरकार द्वारा हाल ही में श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर का प्रबंधन गैर सिख संस्था को सौंपने के बाद ये संभावनाएं और भी बढ़ गई हैं। खुफिया एजैंसियों का इनपुट है कि आई.एस.आई. द्वारा संचालन को सीधे अपने हाथ में लेने के लिए ही ऐसा बदलाव करवाया गया है।
लगातार उठ रही है कॉरिडोर दोबारा शुरू करने की मांग
वर्ष 2019 में गुरुपर्व के मौके पर शुरू किए गए श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के जरिए श्री दरबार साहिब करतारपुर साहिब दर्शन की प्रक्रिया लंबी और सख्त होने के बावजूद लॉकडाऊन से पहले तक लाखों श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर साहिब में नतमस्तक हो चुके थे। अनलॉक प्रक्रिया के तहत जब अन्य गतिविधियां व धार्मिक स्थल खुलने लगे, तभी से सिख संगठनों से लेकर एस.जी.पी.सी. और राजनीतिक दल भी कॉरीडोर दोबारा खोलने की मांग उठा रहे हैं। एस.जी.पी.सी. के तत्कालीन प्रधान गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने भी मांग उठाई थी और केंद्र सरकार को पत्र भेजा था। ‘आप’ और कांग्रेस नेताओं ने भी कई बार केंद्र से मांग की। एक अक्तूबर को पाकिस्तान द्वारा कॉरिडोर दोबारा खोलने की घोषणा के बाद भारतीय सीमा की तरफ से भी मांग और जोर पकड़ गई थी। हालांकि पाकिस्तान द्वारा कॉरिडोर को खोलने के ऐलान को अब दो माह से भी अधिक हो चुके हैं, लेकिन भारत सरकार ने अब तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे संभावना बन रही है कि कॉरिडोर खोलने के मामले में केंद्र सरकार जल्दबाजी नहीं करने वाली है।
जून में भी ठुकरा दिया था पाकिस्तान का प्रस्ताव
मार्च माह में लॉकडाऊन के दौरान भारत सरकार ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर बंद कर दिया था। हालांकि जून में पाकिस्तान ने महाराजा रणजीत सिंह के बरसी समारोहों पर थोड़े वक्त के लिए कॉरिडोर खोलने का ऐलान किया और भारत सरकार से भी कहा था लेकिन कोविड का हवाला देते हुए उक्त प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था।'
लॉकडाऊन के दौरान बढ़ी आतंकियों की धर-पकड़
मार्च में कफ्र्यू और लॉकडाऊन के दौरान न सिर्फ पंजाब, बल्कि दिल्ली व जम्मू-कश्मीर में भी खालिस्तान समर्थक आतंकी गुटों के लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं। पंजाब पुलिस द्वारा अमृतसर और तरनतारन के इलाके से ही 6 आतंकियों की धरपकड़ की जा चुकी है, जिनके द्वारा जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों से भी को-आर्डीनेटेड ऑप्रेशन चलाने के खुलासे हुए थे। दिल्ली पुलिस ने भी खालिस्तान आतंकी गुटों के लोगों को गिरफ्तार किया है। संभावनाएं जताई गई हैं कि आई.एस.आई. द्वारा ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि फिजिकली कांंटैक्ट के जरिए भी रैडीकलाइज किया गया था। दिल्ली स्पैशल सैल द्वारा हाल ही में मुठभेड़ के बाद पकड़े पांच आतंकी गतिविधियों के आरोपियों में से दो खालिस्तानी संगठन से जुड़े बताए गए हैं। खुफिया एजैंसियां मौजूदा समय में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान भी आई.एस.आई. द्वारा लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने के संबंध में आगाह कर चुकी हैं। भारत सरकार इन परिस्थितियों में श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने का रिस्क लेने के मूड में नहीं लग रही है। यही कारण है कि पाकिस्तान द्वारा कॉरिडोर खोलने के ऐलान के बाद भी ‘हैल्थ प्रोटोकॉल’ को वजह बताते हुए कॉरिडोर नहीं खोलने की बात स्पष्ट कर दी गई थी।