Edited By Kamini,Updated: 04 Nov, 2022 09:56 PM
महानगर में डेंगू के मामले बढ़ने के बाद नीम हकीमो की दुकाने भी चल पड़ी है और वह धड़ल्ले से हर तरह के मरीजो की तरह डेंगू के मरीजों का भी उपचार करते दिखाई दे रहे हैं।
लुधियाना (सहगल): महानगर में डेंगू के मामले बढ़ने के बाद नीम हकीमो की दुकाने भी चल पड़ी है और वह धड़ल्ले से हर तरह के मरीजो की तरह डेंगू के मरीजों का भी उपचार करते दिखाई दे रहे हैं। जिले के पिछड़े इलाकों के अलावा शहर के भीतरी व बाहरी इलाकों में भी बिना डिग्री के डॉक्टरों की भरमार है। गलत उपचार करने के कारण कई मरीजों की हालत बिगड़ जाती है जिन्हें सिविल व निजी अस्पतालों में भेज दिया जाता है।
ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य और आर्थिक दृष्टि से काफी नुकसान होता है सामाजिक कार्यकर्ता दविंदर बिट्टा ने बताया कि जनकपुरी, शेरपुर, इंडस्ट्रियल एरिया जैसे इलाकों में बिना डिग्री के डॉक्टरों की काफी तादाद प्रैक्टिस कर रही है। परंतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। रोजाना ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिसमें उपचार के दौरान मरीज की हालत बिगड़ जाती है और उसे सरकारी अथवा निजी अस्पतालों में भेज दिया जाता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि लोगों को ऐसे नीम हकीमो के पास जाने की बजाए नजदीक के सरकारी अस्पताल अथवा आम आदमी क्लीनिक पर जाकर अपना उपचार करा सकते हैं। सिविल सर्जन डॉक्टर हतिंद्र कौर ने कहां की डेंगू के लक्षण सामने आने पर नजदीक के सरकारी डिस्पेंसरी अथवा अस्पताल में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच व इलाज निशुल्क किया जाता है इसके अलावा लोगों को ऐसे नीम हकीमो के बारे में स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना चाहिए ताकि उनकी पड़ताल कर उचित कार्रवाई की जा सके।
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