Edited By Vatika,Updated: 17 Dec, 2024 04:22 PM
सुबह तड़कसार शहर के बाहरी इलाकों में धुंध छाई रहती है
जालंधर: पंजाब में कड़ाके की ठंड ने अपना जोर दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह तड़कसार शहर के बाहरी इलाकों में धुंध छाई रहती है और दोपहर के समय मौसम सामान्य देखने को मिल रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी तेजी से अपने पैर पसार रही है और महानगर के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज हो रही है, जिसके चलते आने वाले दिनों में सर्दी का पूरा जोर देखने को मिलेगा। गत रोज के मुकाबले आज के तापमान में 2 डिग्री तक का अंतर देखने को मिला। रविवार को अधिकतम तापमान 22 डिग्री से ऊपर रिकार्ड हुआ था जबकि आज का अधिकतम तापमान 20 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक पहुंच गया।
मौसम विभाग के अनुसार पंजाब में मौसम शुष्क बना हुआ है और अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड का असर देखा गया है। पंजाब में सबसे अधिक तापमान 25.6 डिग्री फरीदकोट में दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान में अमृतसर के बार्डर एरिया का तापमान 2.5 डिग्री रिकार्ड हुआ। पंजाब में आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है। ठंड के चलते लोग अलाव जलाकर खुद का बचाव करते हुए देखने को मिले। खासतौर पर सड़क किनारे जीवनयापन करने वाले लोगों को खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं क्योंकि रात के समय तापमान 5 डिग्री से नीचे चला जाता है, जिसके चलते ठंड का पूरा जोर देखने को मिलता है।
इसी क्रम में हिमाचल के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी का सीधा प्रभाव पंजाब के मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। वहीं, सुबह जल्दी कामकाज पर जाने वाले लोगों को धुंध के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे पर धुंध के कारण विजिबिलिटी कम हो चुकी है। इसके चलते लंबी दूरी पर जाने वाले लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में अधिक समय लग रहा है।
ए.क्यू.आई. में 25 प्वाइंट का सुधार
पिछले समय के दौरान एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई.) 350 से उपर जाते हुए घातक स्तर पर पहुंच गया था, जबकि आज इसमें 25 प्वाइंट का सुधार हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में बारिश की संभावना जताई गई है जिसके चलते ए.क्यू.आई. में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। प्रदूषण स्तर की ऊपर जाने से सांस संबंधी परेशानी झेल रहे रोगियों को कई तरह की दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है व आम व्यक्ति पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक ए.क्यू.आई. 200 से नीचे नहीं आ जाता तब तक सभी को इसके प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए व घर से बाहर जाते वक्त मास्क इत्यादि का इस्तेमाल यकीनी बनाना चाहिए।