New Admissions से पहले पंजाब के स्कूलों के लिए बड़ा फैसला, HC ने दिए सख्त आदेश

Edited By Vatika,Updated: 20 Feb, 2025 01:20 PM

punjab school admission

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए पंजाब के सभी

पंजाब डेस्कः पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए पंजाब के सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से उक्त आदेशों की पालना सुनिश्चित की जाए। अदालत ने यह भी कहा कि यदि इस आदेश का पालन नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस हरमीत सिंह ग्रेवाल की खंडपीठ ने इस मामले में अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि जो भी स्कूल आर.टी.ई. अधिनियम की धारा के तहत आते हैं, वे अपनी कक्षा-1 की कुल सीटों में से 25 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित करें। याचिकाकर्त्ता ने तर्क दिया कि इस नियम की पालना नहीं होने से कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है, जो कि संविधान के अनुच्छेद-21 ए और आर.टी.ई. अधिनियम के खिलाफ है। 

ऐसे छात्रों के लिए सीटें आरक्षित करना आवश्यक 
अधिनियम के तहत कमजोर वर्ग और वंचित समूहों के छात्रों के लिए आरक्षित करना आवश्यक है। हालांकि, पंजाब सरकार के नियम 7 (4) के तहत यह शर्त जोड़ी गई कि कमजोर वर्ग के छात्रों को पहले सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश लेने का प्रयास करना होगा और यदि वहां सीटें नहीं मिलती, तभी वे निजी स्कूलों में आरक्षित सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं। 
 

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