पंजाब के किसान संगठन केन्द्र से वार्ता को तैयार

Edited By Vatika,Updated: 14 Oct, 2020 09:02 AM

punjab farmer groups to hold talks with centre on agriculture laws

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाबभर में धरने-प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चंडीगढ़ में हुई बैठक के दौरान दिल्ली जाने पर सहमति बन गई।

चंडीगढ़(रमनजीत): केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाबभर में धरने-प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चंडीगढ़ में हुई बैठक के दौरान दिल्ली जाने पर सहमति बन गई। केंद्रीय कृषि सचिव द्वारा भेजे गए बातचीत के न्यौते को स्वीकार करते हुए किसान जत्थेबंदियों ने संघर्ष को भी जारी रखने का फैसला किया है। पंजाब सरकार द्वारा बार-बार की जा रही रेल ट्रैक खोलने की अपील पर 15 अक्तूबर की बैठक में फैसला लेने की बात भी कही गई है। दोपहर बाद पंजाब सरकार की तरफ से मंत्रियों ने भी किसानों से मुलाकात की।

तकरीबन 4 घंटे तक चर्चा के बाद आखिरकार किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए बातचीत के न्यौते को स्वीकार करने पर सहमति दी। इस बारे में बलवीर सिंह राजेवाल, भाकियू (डकौंदा) के जगमोहन सिंह व क्रांतिकारी किसान यूनियन के डा. दर्शन पाल ने कहा कि सभी जत्थेबंदियों की सहमति से 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो बातचीत करेगी। इस कमेटी में बलवीर सिंह राजेवाल, डा. दर्शन पाल, जगजीत सिंह डल्लेवाल, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह फुल व सतनाम सिंह साहनी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मीटिंग में सभी जत्थेबंदियां जाएंगी, लेकिन आज की बैठक में चर्चा के बाद जो केस तैयार किया गया है, उसे उक्त 7 सदस्य सामने रखेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं, उनके आधार पर बातचीत के मुख्य बिंदुओं का मसौदा तैयार कर लिया गया है। कल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सारा खुलासा कर दिया जाएगा। राज्य में रेल ट्रैक जाम होने से ड्राई पोर्ट पर किसानों की ही उपजाई बासमती के कंटेनर फंसे होने व पंजाब की इंडस्ट्री को कच्चे माल की कमी के कारण हो रहे नुक्सान संबंधी बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान संघर्ष सभी वर्गों के लिए किया जा रहा है और ऐसे आंदोलनों में छोटी-छोटी कुर्बानियां देनी पड़ती हैं।  

किसान नेताओं ने कहा-हमने नहीं किया अश्वनी शर्मा की गाड़ी पर हमला
किसान नेताओं ने भाजपा के पंजाब अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की गाड़ी पर हुए हमले पर कहा कि जांच एजैंसियों को पता लगाना चाहिए कि वे कौन लोग हैं जिन्होंने गाड़ी पर हमला किया। किसान संगठनों के कार्यकत्र्ता उग्र नहीं होते इसीलिए राज्यभर में हर वर्ग का हमें समर्थन मिल रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि हमने राज्य सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि यदि कांग्रेस सरकार खेती कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके इनके प्रभाव को खत्म करने का फैसला नहीं करती है तो राज्य में भाजपा नेताओं के किए जा रहे विरोध की ही तरह कांग्रेस के नेताओं का भी विरोध किया जाएगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!