Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 10:10 AM
नगर निगम जालंधर के आज सम्पन्न हुए चुनावों दौरान कांग्रेस की जबरदस्त लहर देखने को मिली।
जालंधर (खुराना): नगर निगम जालंधर के आज सम्पन्न हुए चुनावों दौरान कांग्रेस की जबरदस्त लहर देखने को मिली। इस साल के शुरू में पंजाब की सत्ता पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस पार्टी ने जालंधर नगर निगम की सत्ता को भी हथिया लिया। पिछले 10 सालों से जालंधर निगम की सत्ता पर काबिज अकाली-भाजपा गठबंधन को जहां करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं कांग्रेस की प्रचंड लहर में इसके अधिकांश उम्मीदवारों की नैया पार हो गई और 80 में से कांग्रेस ने 65 सीटों पर जीत प्राप्त की, जबकि 30 सीटों वाला गठबंधन मात्र 13 सीटों पर सिमट कर रह गया।
गौरतलब है कि 5 साल पहले 2012 में हुए जालंधर नगर निगम के चुनावों दौरान अकाली-भाजपा गठबंधन ने जीत प्राप्त की थी तब कांग्रेस के 22 पार्षद जीते थे, जबकि भाजपा के 19 और अकाली दल के 11 पार्षदों को विजयश्री मिली थी तब पीपुल्स पार्टी आफ पंजाब का एक उम्मीदवार तथा 7 आजाद उम्मीदवार जीते थे। तब अकाली भाजपा गठबंधन ने आजाद रूप से जीते ज्यादातर पार्षदों को अपने साथ मिलाकर अपना मेयर बना लिया था। अब जालंधर निगम में 10 सालों बाद कांग्रेस का मेयर बनने जा रहा है। चुनावों से निपटने के बाद अब सरकार ने मेयर पद के चुनाव हेतु प्रक्रिया शुरू कर दी है और अगले कुछ दिनों के भीतर जालंधर के 6वें मेयर का नाम सामने आ जाएगा।
मेयर पद की दौड़ में कई चेहरे
नगर निगम की सत्ता पर बहुमत से कब्जा करने वाली कांग्रेस के जीते हुए पार्षद कुछ दिनों बाद शहर के नए मेयर का चुनाव करेंगे। रिजल्ट घोषित होने के बाद शहर में चर्चा शुरू हो गई है कि अगला मेयर कौन होगा? फिलहाल कांग्रेसी सूत्रों ने इस मुद्दे पर चुप्पी धारण की हुई है परन्तु मेयर पद की दौड़ में जगदीश राजा का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। श्री राजा के अलावा कांग्रेस के अन्य पार्षदों का नाम भी मेयर पद हेतु लिया जा रहा है, जिनमें बलराज ठाकुर, सुरिन्द्र कौर व डा. सुनीता रिंकू के नाम गिनाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि जालंधर निगम के ज्यादातर वार्ड 4 कांग्रेसी विधायकों परगट सिंह, राजिन्द्र बेरी, बावा हैनरी और सुशील रिंकू के विधानसभा क्षेत्रों में आते हैं। राजिन्द्र बेरी और बावा हैनरी जहां जगदीश राजा के समर्थन में सामने आ सकते हैं वहीं राणा गुरजीत सिंह के समर्थक माने जाते सुशील रिंकू मेयर पद के लिए अपनी धर्मपत्नी या किसी अन्य समर्थक का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। विधायक परगट सिंह द्वारा भी मेयर पद के लिए किसी और का नाम आगे किए जाने की सम्भावनाएं बन सकती हैं परन्तु अभी तक कांग्रेसी विधायक अपने पत्ते नहीं खोल रहे। आने वाले दिनों में नए मेयर के लिए लॉङ्क्षबग होनी शुरू हो जाएगी। मेयर पद के लिए सभी अधिकार मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह को सौंपे जाने की संभावना है और आशा है कि मुख्यमंत्री की इच्छा से ही जालंधर के नए मेयर का नाम घोषित होगा।
नए मेयर के समक्ष चुनौतियां
1 विकराल हो रही कूड़े की समस्या
2 निगम में बढ़ रहा भ्रष्टाचार
3 निगम की आय में निरंतर हो रही कमी
4 वित्तीय संकट के कारण लटके हैं कई प्रोजैक्ट
5 केन्द्र द्वारा घोषित ज्यादातर स्कीमों में हो रही देरी
6 शहर में बढ़ रहा प्रदूषण और कम हो रही हरियाली
7 स्टार्म वाटर सीवर न होने के चलते बरसाती पानी की समस्या
8 20 वार्ड बढऩे से निगम स्टाफ को नए सिरे से कार्य आबंटन