कांग्रेसियों की मांग- चुनाव आयोग बादल सरकार को नियमों का उल्लंघन करने से रोके

Edited By Updated: 03 Dec, 2016 04:22 PM

punjab congress urges ec   not to allow badal govt to approve ct university

पंजाब सरकार की कैबिनेट द्वारा सोमवार को एक अध्यादेश जारी करके जालंधर से संबंधित सी.टी. ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूटस की विवादित निजी युनिवर्सिटी को मंजूरी देने संबंधी खबरों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए

 चंडीगढ़ : पंजाब सरकार की कैबिनेट द्वारा सोमवार को एक अध्यादेश जारी करके जालंधर से संबंधित सी.टी. ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूटस को निजी यूनिवर्सिटी के तौर पर मंजूरी देने संबंधी खबरों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए, पंजाब कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मामले दखल देने व चुनावों से पहले नियमों के ऐसे सरेआम उल्लंघन को तुरंत रोकने की अपील की है।

उन्होंने राज्यपाल से भी बादल सरकार द्वारा प्रस्तावित ऐसे किसी अध्यादेश को मंजूरी न देने को कहा है, जो पूरी तरह से शैक्षणिक नियमों के विरूद्ध है । इसका उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कुछ विशेष हितों की पूर्ति करना है। यहां जारी एक बयान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा एक के बाद एक अध्यादेश जारी करने की कोशिश में सभी नियमों को किनारे कर दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने तेजिंदर बिट्टू, जगबीर बराड़, राजिंदर बेरी ने खुलासा किया है कि प्रस्तावित निजी यूनिवर्सिटी मूलभूत शर्तों को भी पूरा नहीं करती है, जिसे बादल चुनावों से पहले गुपचुप तरीके से मंजूरी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्पष्टतौर पर यह मामला कुछ अकाली नेताओं के राजनीतिक हितों से प्रेरित है। इस संदर्भ में उन्होंने हाल ही में मीडिया में आई खबरों का जिक्र किया है कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा की सिफारिश पर निजी इंस्टीच्यूटस को यूनिवर्सिटी की स्थापना की मंजूरी दे दी थी। रखड़ा ने लुधियाना में सी.टी. युनिवर्सिटी की स्थापना का समर्थन करती फाईल के साथ दो पेज का नोट लगाया था, जिस पर बादल ने काउंटर साईन किए थे। नोट में रखड़ा ने मुख्यमंत्री से विभिन्न नीतिगत शर्तों से छूट देते हुए उक्त यूनिवर्सिटी की स्थापना को मंजूरी देने की अपील की थी।

प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने जोर देते हुए कहा कि इससे बड़ा क्या फैसला हो सकता था कि राज्य सरकार की 8 सदस्यीय उच्चरीय कमेटी ने युनिवर्सिटी शुरू करने की इजाजत देने से इंकार कर दिया था, क्योंकि सी.टी. एजुकेशनल सोसाइटी प्रमुख शर्तों को पूरा नहीं कर सकी थी। लेकिन खबरों के मुताबिक, राज्य सरकार फिर भी कमेटी के निर्देशों की पूरी तरह से उपेक्षा और नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए, अध्यादेश के जरिए युनिवर्सिटी की स्थापना को मंजूरी देने जा रही है।

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