Edited By Kamini,Updated: 17 May, 2025 04:32 PM

बढ़ती गर्मी को देखते हुए 'हीटस्ट्रोक' से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
बठिंडा : बढ़ती गर्मी को देखते हुए डिप्टी कमिश्नर ने जिला निवासियों को 'हीटस्ट्रोक' से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। उपायुक्त ने बताया कि हीट स्ट्रोक के लक्षणों में आंखों के आगे अंधेरा छाना, चक्कर आना, बेचैनी व घबराहट, हल्का या तेज बुखार, अत्यधिक प्यास लगना, तेज सिर दर्द व उल्टी, कमजोरी महसूस होना, गर्मी के बावजूद कम पसीना आना, मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल हैं।
यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तो व्यक्ति को छाया में लिटा देना चाहिए, व्यक्ति के कपड़े ढीले कर देने चाहिए, कुछ तरल पदार्थ पिलाना चाहिए, ठंडे पानी की पट्टियां लगानी चाहिए तथा रोगी को ठंडे पानी से भरे बाथटब में लिटा देना चाहिए। ओआरएस का घोल बनाकर उसे दें। उन्होंने कहा कि यदि बुखार 104-105 डिग्री फारेनहाइट से अधिक हो जाए, शरीर गर्म होकर पसीना आना बंद हो जाए, त्वचा शुष्क व चिपचिपी हो जाए, रोगी बेहोश हो जाए या अत्यधिक घबरा जाए तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि बच्चों से लेकर वयस्कों तक, मोटापे से ग्रस्त लोगों, हृदय रोगियों, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों तथा शरीर के रसायनों या रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली कुछ दवाओं का सेवन करने वाले लोगों को हीटस्ट्रोक का सबसे अधिक खतरा होता है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को हीटस्ट्रोक का अधिक खतरा होता है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि 'हीटस्ट्रोक' के प्रकोप से बचने के लिए जब भी घर से बाहर निकलना हो तो हल्के व आरामदायक सूती कपड़े पहनें तथा सिर को ढक कर रखें, अधिक से अधिक तरल पदार्थ जैसे पानी, लस्सी, ओआरएस घोल का सेवन करें। उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में खाली पेट घर से बाहर न निकलें, ज्यादा मिर्च-मसालेदार भोजन करने से बचें तथा कूलर या एसी वाले कमरे से बाहर धूप में एक पल के लिए भी न जाएं। उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील की है कि वे लू से बचने के लिए सावधानी बरतें तथा अधिक से अधिक समय घर पर ही रहें, सुरक्षित व स्वस्थ रहें।
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