आयुष्मान योजना के कैशलैस इलाज में करोड़ों का घोटाला, PGI का डाटा ऑपरेटर गिरफ्तार

Edited By Kalash,Updated: 17 Mar, 2025 01:51 PM

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पी.जी.आई. में आयुष्मान योजना के कैशलेस ईलाज में घोटाले और धोखाधड़ी की आंच अब हिमकेयर तक भी पहुंच गई है।

चंडीगढ़ (अधीर रोहाल/परीक्षित सिंह): पी.जी.आई. में आयुष्मान योजना के कैशलेस ईलाज में घोटाले और धोखाधड़ी की आंच अब हिमकेयर तक भी पहुंच गई है। चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में हिमकेयर के कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। शुरूआती दौर में आयुष्मान योजना में घपलेबाजी और धोखाधड़ी सामने आने के बाद पी.जी.आई. ने पुलिस में शिकायत दी थी। पुलिस ने मामले में जांच के बाद बलराम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसके बाद केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हो गया था। क्राइम ब्रांच ने बलराम से पूछताछ के बाद अब कपिल नामक व्यक्ति को पकड़ा है। बताया गया कि कपिल हिमकेयर के नेहरू हॉस्पिटल स्थित काऊंटर में डाटा ऑप्रेटर (अनुबंध) है। इस घोटाले में पी.जी.आई. के अंदर काम करने वाला कपिल पहला व्यक्ति है, क्योंकि गिरफ्तार आरोपी बलराम पी.जी.आई. कर्मचारी नहीं था। 

हिमकेयर में भी तो नहीं हुआ घोटाला? 

शुरूआती दौर में केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से ही फर्जीवाड़ा कर दवाएं और सर्जिकल सामान निकालने का घोटाला सामने आया था। सैक्टर-11 थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति से जांच आयुष्मान योजना घोटाले तक ही पहुंची थी। फिर क्राइम ब्रांच को केस ट्रांसफर होने के बाद गिरफ्तार बलराम से पूछताछ आगे बढ़ी। बलराम ने घोटाले में हिमकेयर के डाटा ऑप्रेटर कपिल का नाम उगला। 

सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच कपिल की गिरफ्तारी के बाद ये पता लगा रही है कि क्या कपिल और बलराम मिलकर सिर्फ आयुष्मान योजना में ही घपलेबाजी कर रहे थे या हिमकेयर योजना में भी घोटाले को अंजाम दिया गया। पुलिस ये भी पता लगा रही है कि अभी तक इस तरह कितने का घपला किया गया और बलराम को कपिल किस तरह मदद करता था। ऐसा हुआ तो हिमाचल को भी हिमकेयर योजना में मिलने वाली सुविधा के माड्यूल में बदलाव करना पड़ेगा। ये घपला सामने आने के बाद पी.जी.आई. द्वारा आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को दिए जाने वाले लाभ के मॉड्यूल में बदलाव किया है, ताकि ऐसी घपला दोबारा न हो।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी पी.जी. आई. से मांग चुका है जवाब 

केंद्र की महत्वकांक्षी आयुष्मान योजना में घपला सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कड़ा नोटिस लिया था। मंत्रालय ने पी.जी.आई. में योजना को भविष्य के लिए फुलप्रूफ बनाने के लिए भविष्य में किए जाने वाले प्लान पर जवाब मांगा था। इसके बाद पी.जी.आई. ने कमेटी बनाकर प्लान तैयार किया। 9 मार्च को इस कमेटी की सिफारिशों के बाद फैसला हुआ कि आयुष्मान योजना का पूरा प्रोसिजर मैनुअली नहीं बल्कि ऑनलाइन करके मरीज को बैड पर ही दवाएं या सर्जिकल सामान पहुंचाया जाएगा। 

ये था घपला 

आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाले ईलाज की कैशलेस सुविधा में कुछ लोगों द्वारा धोखाधड़ी और फर्जीवाडा सामने आया। इसका पता तब चला जब पी.जी. आई के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती मरीज के इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया। पी.जी.आई. स्टाफ ने बलराम नामक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा, जिसके पास डॉक्टरों और नर्सिंग ऑफिसर की नकली मोहरे और इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ के लिए सबसे जरूरी इनटैंड बुक मिली थीं। बलराम को पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया। बलराम से पूछताछ के बाद अब हिमकेयर कर्मचारी कपिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर चुकी है।

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