Edited By Vatika,Updated: 07 Dec, 2023 10:07 AM
नए लागू रेटों के बाद लाडोवाल टोल प्लाजा देश के सबसे महंगे टोल प्लाजाओं में पहले स्थान पर आ गया है।
फिल्लौर: लाडोवाल टोल प्लाजा के रेटों में रिकार्डतोड़ वृद्धि ने जनता की मुश्किलें बढ़ाकर आम लोगों की जेब पर डाका मारा है। साथ ही लोकल और 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की सारी सुविधाएं समाप्त कर दी गई हैं। फिल्लौर के स्थानीय लोगों के मासिक पास जो पहले 150 रुपए प्रति महीना के हिसाब से बनते थे, अब 330 रुपए के हिसाब से बनेंगे। लोकल कमर्शियल वाहन चालकों के भी पास के रेट 150 रुपए से बढ़ाकर सीधा 7130 रुपए कर दिए गए। परमिट टैक्सी चालकों के पास की सुविधा अब पूरी तरह से खत्म कर दी गई। नए लागू रेटों के बाद लाडोवाल टोल प्लाजा देश के सबसे महंगे टोल प्लाजाओं में पहले स्थान पर आ गया है।
ऑस्थानीय लोगों से इस प्रकार छीनी गई सुविधाएं
नियमों के मुताबिक जहां कहीं भी टोल प्लाजा लगाया जाता है, वहां 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले और काम करने वाले लोगों को कुछ रुपयों में पास बनाकर सुविधाएं दी जाती हैं। लाडोवाल टोल प्लाजा पर ये सभी सुविधाएं दी जाती थीं। अब नए रेटों के मुताबिक लोकल वाहनों के 150 रुपए में बनने वाले पास के रेट बढ़ाकर सीधे 330 रुपए कर दिए गए। पहले स्थानीय लोगों जिनकी दुकानें और फैक्टरियों में कमर्शियल छोटे वाहन हैं, उनके भी 150 रुपए प्रति महीने के हिसाब से पास बनते थे। अब उनके रेट भी 150 रुपए से बढ़ाकर सीधे 7130 रुपए कर दिए गए हैं। मिनी बस और ट्रक के पास का रेट प्रति महीना 11,500 रुपए कर दिया गया। दूसरा यह पास पूरा महीना नहीं चलेगा। अगर महीने के पहले गाड़ी 50 चक्कर टोल प्लाजा के लगा जाती है तो उन्हें दोबारा से पास बनवाना पड़ेगा। इसके अलावा परमिट टैक्सी चालक जो लोकल रहने वाले हैं उनके पास बनेंगे ही नहीं।
उद्योगपति अश्वनी मल्होत्रा, गोपाल थापर और रिंका पासी ने कहा कि उनकी फैक्टरियों में ‘छोटे हाथी’ (टैम्पो)और वजन ढोने वाली जीपें हैं जो बैंकों से फाइनांस करवाई गई हैं जिनकी 5000 रुपए प्रति महीना किस्त जाती है। अब महीने के पास का रेट ही 150 रुपए से बढ़ाकर 7130 रुपए कर दिया गया है और साथ में इन वाहनों के 50 चक्कर का नया रूल बना दिया गया। अब उनके वाहन एक दिन में लुधियाना में माल छोडऩे और लाने के 4 से 5 चक्कर लगा देते हैं। अब वे वाहनों की किस्तें भरें या टोल प्लाजा के पास बनवाएं। एक तरफ केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी बयान दे रहे हैं कि जब वाहन खरीदते वक्त रोड टैक्स ले लिया जाता है तो फिर टोल प्लाजा लगाने की क्या जरूरत है जबकि दूसरी तरफ प्लाजा के रेटों में इतना बड़ा इजाफा कर जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है।
फास्टैग नहीं चला तो टोल प्लाजा पर आने-जाने के भरने पड़ेंगे 830 रुपए
लाडोवाल टोल प्लाजा के नए नियमों के मुताबिक अगर आपकी गाड़ी पर लगा फास्टैग खराब हो गया या उसमें पैसे खत्म हो गए तो आपको पर्ची लेकर प्लाजा से गुजरने के लिए 430 रुपए भरने पड़ेंगे और इतने ही रुपए वापस आने पर देने पड़ेंगे।
बढ़े रेटों का हर वस्तु पर पड़ेगा असर
टोल प्लाजा के इन बढ़े रेटों का असर अब हर चीज पर पडऩा शुरू हो गया है। स्कूल भी अब ब‘चों की बसों के किरायों में बढ़ौतरी करने जा रहे हैं। आम बसों के किराए में भी इजाफा होगा। दूसरा कमॢशयल वाहन और टैक्सी चालक भी किरायों में बढ़ौतरी करने जा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर वे सवारी से बढ़े हुए किराए की बात करते हैं तो वह बहस पर उतर आते हैं।
परमिट टैक्सी चालक देंगे पक्का धरना
टोल प्लाजा के बढ़े रेटों के विरुद्ध जनता आवाज बुलंद करने जा रही है। परमिट टैक्सी चालकों ने घोषणा कर दी है कि प्लाजा ने अगर अपने नियम नहीं बदले तो वह पक्के तौर पर प्लाजा पर धरना दे देंगे। दूसरा होशियारपुर से ‘आप’ पार्षद जसपाल सिंह अपने साथियों के साथ प्लाजा अधिकारियों को प्रशासन को ज्ञापन देकर घोषणा कर चुके हैं कि अगर उन्होंने दाम कम नहीं किए तो 17 जनवरी को वे भी अपने साथियों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे।
क्या कहना है टोल प्लाजा के मैनेजर का
इस संबंध में जब टोल प्लाजा के मैनेजर गौरव और विजीलैंस मैनेजर प्रमोद से बात की तो उन्होंने बताया कि ये रेट नैशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा बढ़ाए गए हैं। हमने तो केवल आदेशों को लागू किया है। जब उनसे पूछा कि इससे पहले कभी वर्ष में 2 बार रेट बढ़े हैं व इतने ज्यादा बढ़ाए गए हैं तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व जो फैसला लेता है, उसके मुताबिक उन्हें चलना पड़ता है। वे अपनी मर्जी से कुछ भी कम-ज्यादा नहीं कर सकते।