पाकिस्तान के साथ लैंड स्वैप कर करतारपुर गुरुद्वारा भारत लाएं मोदी

Edited By swetha,Updated: 26 Sep, 2018 11:44 AM

partap singh bajwa interview

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान के नैरोवाल में स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का मसला सुलझा कर पंजाबियों के मन में स्थान बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अब सुनहरी...

जालंधरः कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान के नैरोवाल में स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का मसला सुलझा कर पंजाबियों के मन में स्थान बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अब सुनहरा मौका है। लिहाजा, प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के साथ बातचीत कर लैंड स्वैपिंग के जरिए इस गुरुद्वारा साहिब को भारत की सरहद में शामिल करवाना चाहिए।

इससे सुरक्षा संबंधी मसला भी नहीं पैदा होगा और दशकों से लंबित सिख श्रद्धालुओं की यह मांग भी पूरी हो जाएगी। पंजाब केसरी के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी के साथ बातचीत दौरान बाजवा ने पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली, आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन और बरगाड़ी मोर्चे सहित तमाम राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की। पेश है बाजवा के साथ हुई पूरी बातचीत:

PunjabKesari

प्र: आप पाकिस्तान के साथ जमीन का तबादला करने की बात कर रहे हैं, क्या यह व्यावहारिक रूप से संभव है?
उ:
भारत ने 1962 में पाकिस्तान के साथ जमीन का ऐसा ही तबादला किया था। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहीदी स्थल हुसैनीवाला आजादी के बाद पाकिस्तान में चला गया था और 1962 में भारत ने फाजिल्का के कुछ गांव पाकिस्तान को देकर यह हिस्सा पाकिस्तान से लिया था। इसी तरह, केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में बांग्लादेश को करीब 15,000 हेक्टेयर भूमि देकर बांग्लादेश में स्थित 7000 हेक्टेयर भूमि का तबादला किया है। अंतरराष्ट्रीय नियमों अनुसार भी सीमाओं का पुन: निर्धारण हो सकता है। लिहाजा, इस बारे पाकिस्तान से बात करके श्री करतारपुर साहिब का गुरुद्वारा भारत की सरहद में ले आना चाहिए और बदले में पाकिस्तान को उतनी ही जमीन दी जानी चाहिए। 

प्र : क्या मौजूदा हालात में पाकिस्तान से बात हो सकती है?
उ :
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इस बारे में जो बयान दिया है, वह सकारात्मक लग रहा है। यदि भारत इस मसले में पाकिस्तान से बात करता है तो इससे 2 चीजें होंगी। एक तो यह साफ हो जाएगा कि पाकिस्तान को सिखों की भावनाओं की कितनी कद्र है। यदि सच में पाकिस्तान सिखों की धार्मिक भावनाओं को लेकर गंभीर है तो वह इस मामले में की जाने वाली भारत की पेशकश का सकारात्मक जवाब देगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो पाकिस्तान इस मामले में खुद-ब-खुद बेनकाब हो जाएगा। यदि ऐसा हो गया तो यह मसला सदा के लिए हल हो जाएगा। 

प्र: जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट पर विधानसभा में हुई बहस और उसके बाद हुई कार्रवाई को आप कैसे देखते हैं?
उ :
मुझे लगता है कि इस एसआईटी को 90 दिन के अंदर जांच पूरी कर मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो इसके राजनीतिक नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं, क्योंकि जनता ने उम्मीद के साथ कैप्टन अमरिन्दर सिंह और कांग्रेस को भारी बहुमत से जिताकर विधानसभा में भेजा है। 

प्र : चुनाव से पूर्व भ्रष्टाचार के मामलों में  कार्रवाई का वायदा हुआ था, वह पूरा क्यों नहीं हो रहा?
उ 
:इस बात का जवाब मनप्रीत सिंह बादल को भी समान रूप से देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने बतौर वित्त मंत्री विधानसभा में पंजाब के वित्तीय हालात पर श्वेत पत्र लाने की बात कही थी। यदि ऐसा हो जाए तो पंजाब के सभी विभागों में हुई वित्तीय गड़बडियों का सच सामने आ जाएगा। अकालियों के समय हुई नकली दवाइयों की खरीद, फसलों की खरीद में इस्तेमाल होने वाले जूट बैग्स की खरीद और फसलों की खरीद में कम पड़ रहे 31 हजार करोड़ रुपए के मामले में भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इससे पूर्व कृषि मंत्री तोता सिंह, पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों के साथ-साथ सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया भी फंसेंगे, लेकिन वह श्वेत पत्र अभी तक लटका हुआ है।

प्र : नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया था कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने उन्हें गुरुद्वारा साहिब का रास्ता खोल देने का वायदा किया है, आपको क्या लगता है?

उ: मैं इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। नवजोत सिंह सिद्धू के कान में जनरल बाजवा ने क्या कहा, यह या तो बाजवा बेहतर जानते हैं या सिद्धू। मेरे लिए यह अहमियत नहीं रखता। लेकिन पूरी दुनिया के सिख उस गुरुद्वारा साहिब के दर्शन-दीदार करना चाहते हैं। लिहाजा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अब बेहतरीन मौका है कि वह पहलकदमी करके सिखों व पंजाबियों का दिल जीतने की कोशिश करें। 

PunjabKesari

प्र.: यदि लैंड स्वैपिंग नहीं होती तो कॉरिडोर बनाने में क्या खामी है?

उ: हमें पाकिस्तान का इतिहास पता है। अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर गए तो बदले में हमें कारगिल मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवाज शरीफ के पास गए तो बदले में पठानकोट पर हमला हो गया। पाकिस्तान को लगता है कि ब्लूचिस्तान में उसके खिलाफ हो रहे राजनीतिक संघर्ष के पीछे भारत की खुफिया एजेंसियां हैं, लिहाजा वह भारत की सीमा पर स्थित जम्मू-कश्मीर और पंजाब में गड़बड़ करने की ताक में रहता है। उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई सिखों को भड़काने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देती। हमें इन संवेदनशील मसलों का भी ध्यान रखना पड़ेगा। मुझे लगता है कि इस मसले का सबसे बेहतरीन समाधान लैंड स्वैपिंग है। इससे सुरक्षा संबंधी मसला भी नहीं खड़ा होगा।

कैप्टन नहीं लेते सांसदों की सलाह

प्र: आपकी पार्टी की सरकार है, इसके बावजूद आप आउटसाइडर की तरह काम क्यों कर रहे हैं?

उ: सांसदों से सलाह लेना सी.एम. का काम है। यदि वह बुलाएंगे तो मैं सलाह जरूर दूंगा। वह पंजाब के कांग्रेस सांसदों को बुलाते ही नहीं हैं। मेरी पिछले डेढ़ साल में उनके साथ 40 फीट की दूरी से अभिवादन जैसी ही एक मुलाकात हुई है। उन्हें समझना चाहिए कि सांसद दिल्ली में रहते हैं और उनका मंत्रालयों के साथ सीधा वास्ता पड़ता है और वह सांसदों के जरिए पंजाब में केंद्र की योजनाओं का बेहतरीन फायदा उठा सकते हैं, लेकिन वह दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करते वक्त भी हमसे सलाह नहीं लेते।

PunjabKesari

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!