Court में चल रहे वैवाहिक मामलों को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी, पढ़ें...

Edited By Vatika,Updated: 02 May, 2024 02:47 PM

new guidelines issued regarding matrimonial cases going on in the court read

पंजाब एवं हरियाणा राज्यों सहित चंडीगढ़ के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी पारिवारिक अदालतों को सूचना और अनुपालन के लिए इस आदेश की एक प्रति भेजने का भी आदेश दिया।

चंडीगढ़(रमेश हांडा): वैवाहिक विवादों में मुकद्दमेबाजी और परेशान करने वाली भावना से दायर मामलों में काफी वृद्धि हुई है, जिससे न्यायालयों में काफी मामले लंबित रह जाते हैं, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने वैवाहिक मामलों में कुछ प्रावधानों को लागू करने के लिए मार्गदर्शक दिशा- निर्देश जारी किए हैं। फैमली कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए, जिसमें एक पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया था, जिस पर झूठा हलफनामा दायर करके झूठी गवाही देने का आरोप है, जिसमें कहा गया था कि वह बेरोजगार है, कोर्ट ने कहा कि इस कोर्ट ने हाल ही में वैवाहिक विवादों में झूठी गवाही की कार्रवाई शुरू करने में वृद्धि देखी  है।

जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा कि न्याय वितरण प्रणाली तभी सफल मानी जा सकती है, जब यह त्वरित, सुलभ और सस्ती हो। कोर्ट ने कहा कि इसलिए, झूठी गवाही के लिए अभियोजन तभी शुरू किया जाना चाहिए, जब प्रथम दृष्ट्या यह स्थापित हो जाए कि अपराधी को दंडित करना न्याय के हित में है। कोर्ट ने वैवाहिक मामलों में प्रावधान को लागू करने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत निर्धारित किए हैं, जैसे कि केवल अशुद्धि या गलत बयान अभियोजन शुरू करने के लिए अपर्याप्त रहेगा, न्यायालय को केवल उन मामलों में ही झूठी गवाही के लिए अभियोजन की अनुमति देनी चाहिए, जहां ऐसा प्रतीत होता है कि दोषसिद्धि उचित रूप से संभावित है। झूठी गवाही के लिए कार्रवाई यांत्रिक तरीके से अलग हुए पति या पत्नी की इच्छा से शुरू नहीं की जा सकती है, उचित सावधानी और सतर्कता बरतने में विफलता के लिए अपराधी पर जुर्माना लगाकर दंडित किया जा सकता है।

कोर्ट एक महिला की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने फैमली कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसके पति की याचिका के जवाब में झूठी गवाही देने के अपराध के लिए उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। उसने आरोप लगाया कि भरण- पोषण के लिए एक कार्रवाई में उसकी पत्नी ने कथित तौर पर एक बैंक में काम करने के बावजूद बेरोजगारी का दावा करते हुए झूठा हलफनामा दायर किया था। याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा राज्यों सहित चंडीगढ़ के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी पारिवारिक अदालतों को सूचना और अनुपालन के लिए इस आदेश की एक प्रति भेजने का भी आदेश दिया।

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