निगम चुनावों में AAP की टिकटों के कई दावेदार 2 किश्तियों में हुए सवार, पढ़ें पूरी खबर

Edited By Vatika,Updated: 22 May, 2023 10:34 AM

municipal election in punjab

माना जा रहा है कि चुनावी नतीजों का सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को आगामी निगम चुनावों में होगा।

जालंधर (खुराना): हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा उपचुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के अंदरूनी हालात बिल्कुल बदल चुके हैं जिसका सीधा असर कुछ महीनों बाद होने वाले जालंधर निगम के चुनावों में देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि जालंधर निगम की अवधि इस साल के शुरू में 24 जनवरी को समाप्त हो गई थी जिसके बाद सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी ने निगम चुनावों की तैयारी शुरू कर रखी थी ।  किन्ही कारणों के चलते निगम चुनावों में देरी होती चली गई और इसी बीच पार्टी को लोकसभा उपचुनाव की चुनौती स्वीकार करनी पड़ी। विपरीत हालातों में भी आम आदमी पार्टी ने उपचुनाव का डटकर सामना किया और कांग्रेस को उसके घर में ही हरा दिया। उप चुनाव में आम आदमी पार्टी की अप्रत्याशित जीत ने सारे समीकरण बदल कर रख दिए हैं और माना जा रहा है कि चुनावी नतीजों का सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को आगामी निगम चुनावों में होगा।

रिकॉर्ड तोड़ दल बदल से AAP की दशा और दिशा बदली
आज से  कुछ महीने पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी के विरुद्ध सत्ता विरोधी लहर देखी जा रही थी । पार्टी को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था ।  कुछ माह पहले तक तो यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी जालंधर निगम के चुनावों दौरान अच्छा प्रदर्शन करेगी और आप को कड़ी टक्कर देगी परंतु धीरे-धीरे हालात ऐसे बदले कि अब कांग्रेस किसी को टक्कर देने की स्थिति में नहीं दिख रही और आम आदमी पार्टी निरंतर मजबूत होती चली जा रही है ।

लोकसभा उपचुनाव के नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि सत्ता विरोधी लहर ना केवल खत्म हो चुकी है बल्कि लोग आप की नीतियों से प्रसन्न  हैं । ऐसी स्थिति में पिछले कुछ महीनों दौरान रिकॉर्ड तोड़ दल बदल हुआ जिसका ज्यादा प्रभाव जालंधर में देखने को मिला।यहां लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने काग्रेस के गढ़ में ही सेंध लगाकर चौधरी परिवार के विरुद्ध कांग्रेस से विधायक रहे सुशील रिंकू को मैदान में उतार दिया जिन्होंने ना केवल आप समर्थकों की वोटें  प्राप्त कर लीं  बल्कि कांग्रेस में अपने आधार का भी खूब फायदा उठाकर कांग्रेसी उम्मीदवार को सीधा नुकसान पहुंचाया । अब माना जा रहा है कि उपचुनाव के नतीजों के बाद आप की दशा और दिशा बदल चुकी है और जिस  कांग्रेस को ‘ आप ‘ के लिए चुनौती माना जा रहा था वह अब खुद अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है । पता चला है कि कांग्रेस के कई और नेता और पूर्व पार्षद आम आदमी पार्टी में आने के प्रयास कर रहे हैं।

तेजी से वफादारियां बदल रहे हैं ‘ आप ‘ के कई नेता
पिछले कुछ महीनों दौरान आम आदमी पार्टी के दिल्ली और चंडीगढ़ बैठे नेतृत्व ने जालंधर में कई तजुर्बे किए । जिस प्रकार कांग्रेस के पुराने नेता सुशील रिंकू को सभी के सिर  पर बैठाकर सबसे पावरफुल बना दिया गया उससे पार्टी के अंदरूनी हालात बिल्कुल बदल गए हैं और निगम चुनावों में ‘ आप ‘ की टिकटों  के कई दावेदार तो इन बदले हालातों को देखते हुए दो किश्तियों में सवार हो गए हैं । रिंकू के आने से पहले ‘ आप ‘ के जो नेता दूसरों से निकटता बढ़ा रहे थे उन्हें अब रिंकू के निकट जाने के लिए रास्ते ढूंढने पड़ रहे हैं । चुनाव में जहां कुछ आप नेताओं ने रिंकू के खिलाफ वोटिंग करवाई  , वहीं  पुराने नेताओं के कई कट्टर समर्थक एकदम से पाला बदलकर रिंकू की झोली में जा बैठे । इस समय ‘ आप ‘ के जो हालात हैं उससे स्पष्ट है कि निगम चुनाव हेतु  टिकट वितरण में  सांसद रिंकू की भी काफी चलेगी परंतु फिर भी इतना तय है कि जीत की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी अपने स्तर पर एक सर्वे भी करवाने जा रही है जिसके बाद ही टिकटें  दी जाएंगी । ऐसे में टिकटों के पुराने दावेदारों को अब दो चुनौतियों का सामना करना होगा । उन्हें सर्वे में भी बढ़त बनानी होगी और रिंकू के सामने भी चढ़त  दिखानी होगी ।

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