Edited By Kalash,Updated: 03 Aug, 2025 06:19 PM

पंजाब सरकार द्वारा वायु गुणवत्ता की जांच हेतु क्षेत्र में दो पर्यावरण वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित किए गए हैं।
डेराबस्सी (अनिल): डेराबस्सी, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के पूरे क्षेत्र में अब सबसे अधिक प्रदूषित शहर के रूप में सामने आया है। शहरवासियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत के कारण राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एन.सी.ए.पी.) के अंतर्गत लोकसभा में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता में गिरावट के मामले में डेराबस्सी अब देश के सबसे प्रदूषित शहरों में 9वें स्थान पर है।
एकत्रित जानकारी के अनुसार, क्षेत्रवासियों द्वारा समय-समय पर प्रशासन और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को क्षेत्र में स्थित फैक्टरियों से चिमनियों के माध्यम से निकलने वाली जहरीली गैसों तथा चोरी-छिपे छोड़े जा रहे दूषित पानी की सैंकड़ों शिकायतें करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा केवल खानापूर्ति के लिए नमूने भरने तक ही सीमित रहा गया है। पंजाब सरकार द्वारा वायु गुणवत्ता की जांच हेतु क्षेत्र में दो पर्यावरण वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित किए गए हैं।
संसद सदस्यों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न
संसद सदस्यों अनिल यशवंत देसाई और बाबू सिंह कुशवाहा द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में, राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सदन को बताया कि जनवरी 2019 में इस कार्यक्रम की शुरूआत के बाद एन.सी.ए. पी. के अंतर्गत आने वाले 130 शहरों में से 103 शहरों में पीएम 10 के स्तर में सुधार दर्ज किया गया है। आंकड़ों से पता चलता है कि डेराबस्सी में औसतन पी.एम. 10 घनत्व वर्ष 2017-18 में 88 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 98 माइक्रोग्ग्राम प्रति घनमीटर हो गया है, जिसमें 11.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह डेराबस्सी को इस क्षेत्र का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शहर बनाता है और इसे देशभर के सबसे निचले 10 शहरों में शामिल करता है। पूरे भारत में केवल आठ शहरों का प्रदर्शन डेराबस्सी से भी खराब रहा।
डेराबस्सी को प्रदूषित बनाने वाले मुख्य कारण
टूटी-फूटी सड़कों से उड़ती धूल
खुले में कचरे को जलाया जाना
फैक्टरियों की चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुआं
फैक्टरियों द्वारा बदबूदार दूषित पानी को बरसाती नालों में छोड़ना
निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियां
इन सभी कारणों से वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है।
वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य किया जा रहा
इस विषय में जब पी.पी.सी.बी. (पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के एक्सियन नवतेज सिंगला से बात की गई बताया कि उनके विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य किया जा रहा है। वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारणों की तलाश की जा रही है।
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