Edited By swetha,Updated: 23 Mar, 2019 11:12 AM
बेशक चुनावी सभाओं में राजनेता मतदाताओं को कई तरह की ‘हवाई’ सैर करवाते हैं लेकिन हकीकत में पंजाब की ‘उड़ान’ महज सियासी घमासान तक ही सीमित है।
चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): बेशक चुनावी सभाओं में राजनेता मतदाताओं को कई तरह की ‘हवाई’ सैर करवाते हैं लेकिन हकीकत में पंजाब की ‘उड़ान’ महज सियासी घमासान तक ही सीमित है। हालत यह है कि पिछले 5 साल में सियासी दलों के बीच चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखने को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। 23 मार्च को शहीद भगत सिंह ने देश के लिए प्राणों की आहुति दी थी।
फिर सियासी मंचों पर ‘नई उड़ान’
मामला सियासी दलों की आपसी ऊहापोह में उलझा हुआ है। अब लोकसभा का चुनावी बिगुल बजने के बाद माना जा रहा है कि एक बार फिर सियासी मंचों पर ‘नई उड़ान’ का प्लान परोसा जाएगा। राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि लैंड लॉकड स्टेट होने की वजह से पंजाब में एयर कनैक्टिविटी एक बड़ा मुद्दा है। वर्ष 2014 के दौरान लोकसभा चुनाव की जीत के बाद केंद्र में नैशनल डैमोक्रेटिक अलायंस की सरकार ने 2016 में नैशनल सिविल एविएशन पॉलिसी की घोषणा की थी। तब माना जा रहा था कि पंजाब में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर फ्लाइट्स में वृद्धि के साथ-साथ आदमपुर, बठिंडा और पठानकोट एयरपोर्ट में बड़ा बदलाव दिखाई देगा।
बाकायदा पंजाब की कांग्रेस सरकार ने जून, 2017 में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ रीजनल कनैक्टिविटी स्कीम (उड़ान) के तहत मैमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग भी साइन किया, लेकिन अब तक पंजाब में एयर कनैक्टिविटी के तौर पर कोई बड़ा बदलाव दिखाई नहीं दिया है। हालांकि चुनावी दस्तक से ठीक पहले मार्च, 2019 में केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने आदमपुर एयरपोर्ट के नए सिविल टर्मिनल का शिलान्यास करके एक पहल की लेकिन इसे महज चुनावी गहमागहमी के साथ जोड़कर देखा जा सकता है।
औपचारिक तौर पर शहीद नहीं कहे जा सकते : पंजाब सरकार
शहीद भगत सिंह पर सियासत का आलम यह है कि अब तक उन्हें शहीद का दर्जा देने पर भी विवाद हो रहा है। हाल ही में हाईकोर्ट के एक वकील ने पंजाब सरकार को चिट्ठी लिख पूछा था कि क्या पंजाब में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिया गया है। इसके जवाब में पंजाब सरकार ने संविधान के आर्टिकल 18 का जिक्र करते हुए बताया है कि एबोलिशन ऑफ टाइटल्स नियम के तहत भगत सिंह औपचारिक तौर पर शहीद नहीं कहे जा सकते। साथ ही, सरकार ने बताया कि उनके पास कोई अधिकार नहीं है। हालांकि इससे पहले केंद्र सरकार आधिकारिक तौर पर सरदार भगत सिंह को शहीद का दर्जा दे चुकी है। बाकायदा डिक्शनरी ऑफ मार्टियर्स में शहीद सरदार भगत सिंह का विस्तृत उल्लेख किया गया है।
2017-18 में 48 फीसदी पैसेंजर ग्रोथ
पंजाब में हवाई यात्रा करने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। अमृतसर में ही श्री गुरु राम दास जी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर 2017-18 दौरान 48 फीसदी पैसेंजर ग्रोथ रिकॉर्ड की गई है। एक सर्वे के मुताबिक पंजाब में आगामी एक-दो साल में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में 8 फीसदी तक बढ़ौतरी हो सकती है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट मुताबिक जनवरी, 2019 दौरान देश के एयरपोर्ट्स पर एयरक्राफ्ट मूवमैंट में 9.8 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का इंतजार
इंगलैंड, अमरीका, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में अलग पहचान बनाने के बावजूद प्रवासी पंजाबियों को अब तक अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स के लिए दिल्ली की तरफ कूच करना पड़ता है। कहने को तो चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है, लेकिन यहां दुबई, शारजहा, बैंककॉक के लिए फ्लाइट ऑप्रेट हुई लेकिन इन्हें भी गाहे-बगाहे सस्पैंड कर दिया जाता है। इस कड़ी में अमृतसर एयरपोर्ट पर भी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की आपार संभावनाएं हैं लेकिन यात्रियों को कई देशों की सीधी फ्लाइट सुविधा नहीं मिल पा रही है।
एयरपोर्ट के नाम को लेकर गर्माई राजनीति
देश को स्वतंत्र करवाने के लिए प्राणों की आहुति देने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह पर वक्त के साथ राजनीति भी गर्माती रही है। चंडीगढ़ के हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का आगाज हुआ तो 2009 में पंजाब सरकार ने नाम ‘शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मोहाली’ रखने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा। इसके बाद, 2010 में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे का नाम ‘शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चंडीगढ़’ रखने का प्रस्ताव भेज दिया। मोहाली-चंडीगढ़ शब्द पर विवाद अभी चल ही रहा था कि जून, 2016 में हरियाणा सरकार ने केंद्र को पत्र लिख ‘डाक्टर मंगलसेन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चंडीगढ़’ के रूप में नामकरण का अनुरोध कर दिया।
इस पर विवाद बढ़ा तो 2016 में केंद्रीय नगर विमानन राज्यमंत्री ने पंजाब एंव हरियाणा सरकार से पत्र लिख अनुरोध किया कि एयरपोर्ट के नए सिविल एयर टर्मिनल का नाम भगत सिंह एयरपोर्ट चंडीगढ़ के नाम पर रखने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार किया जाए। साथ ही, दोनों राज्यों की विधानसभाएं नया संकल्प पारित करें। बेशक मौजूदा समय में दोनों राज्य सरकारें शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर सहमत हैं, लेकिन अभी भी मामला मोहाली और चंडीगढ़ शब्द पर अटका हुआ है। इसके चलते चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम अभी भी शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर नहीं है।
मुख्य बिंदू
5 साल चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट को नहीं मिल पाया शहीद भगत सिंह का नाम
2009 पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम ‘शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मोहाली’ रखने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा
2010 में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ‘शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चंडीगढ़’ रखने का प्रस्ताव भेज दिया
2016 हरियाणा सरकार ने ‘डाक्टर मंगलसेन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चंडीगढ़’ के रूप में नामकरण का अनुरोध कर दिया