20 मई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान! जानें क्या है पूरा मामला

Edited By Urmila,Updated: 05 May, 2025 02:04 PM

mnrega workers will go on strike on may 20

गांव झलूर के ग्राउंड पार्क में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को बैठक करके मनाते हुए मनरेगा मजदूर यूनियन पंजाब सीटू के उपस्थित मजदूरों ने 20 मई की देशव्यापी हड़ताल ऐलान किया है

बरनाला (विवेक सिंधवानी): नजदीकी गांव झलूर के ग्राउंड पार्क में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को बैठक करके मनाते हुए मनरेगा मजदूर यूनियन पंजाब सीटू के उपस्थित मजदूरों ने 20 मई की देशव्यापी हड़ताल में मनरेगा मजदूर काम बंद करके बढ़-चढ़कर शामिल होने का फैसला नारों की गूंज के दौरान किया। बैठक को मुख्य तौर पर सीटू के राज्य सचिव साथी शेर सिंह फरवाही, जिला सचिव निर्मल सिंह झलूर और गांव के सरपंच माननीय परगट सिंह लाली तथा किसान नेता चरणजीत सिंह पूर्व पंच ने भी संबोधित किया। इस समय रणदीप कौर, रानी कौर, चरणजीत कौर, बेअंत कौर, किरना कौर, बलजिंदर कौर, हरनाम कौर, दर्शन सिंह, कौर सिंह वगैरह उपस्थित थे। साथी फरवाही ने बोलते हुए कहा कि आज हम अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर शिकागो के शहीदों और उसके बाद दुनिया के पीड़ित मजदूर वर्ग के लिए आठ घंटे के काम/दिहाड़ी घंटे, कानूनी सम्मानजनक उजरतों, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेंशन, ट्रेड यूनियन अधिकारों के लिए कुर्बानियां करने वाले मेहनतकशों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

 यह सच्ची श्रद्धांजलि उनके द्वारा दिखाए रास्तों पर चलते हुए कुर्बानियां करके हासिल किए श्रम कानूनों की रक्षा करना है। केंद्र की एन.डी.ए./बी.जे.पी. (मोदी) सरकार द्वारा मेहनतकशों के लिए गुलामी का फंदा जैसे चार श्रम संहिता जो 29 श्रम कानूनों को खत्म करके मालिक/कॉरपोरेटों को मेहनतकशों की मेहनत का खून निचोड़कर अपने मुनाफे/धन दौलत को बेलगाम बढ़ाने की खुली छूट देने के लिए पारित कर दिए हैं, उन्हें रद्द कराने तक संघर्ष जारी रखना जरूरी है, ताकि आठ घंटे की काम/दिहाड़ी, यूनियन बनाने, धरना/रैली, मुजाहिरा करके अपनी उजरतों में वृद्धि कराने और अन्य मुश्किलों को हल करने के बहुत कीमती अधिकारों को कायम रखा जा सके।

इनके लागू होने से मौजूदा और अगले समय में मजदूर गुलामी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होंगे, ऐसी गुलामी भारत जैसे आजाद देश में मजदूर जमात के लिए कलंक होगी। इन्हीं श्रम संहिताओं को रद्द कराने और न्यूनतम उजरतें 26,000/- मासिक और दिहाड़ी 700/- रुपये करने, पेंशन बढ़ाकर 10 हजार महीना करने, ठेका भर्ती कच्चे वर्कर पक्के करने, सरकारी/पब्लिक अदालों को प्राइवेट मालिकों को बेचना बंद कराने के लिए दस राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन और 60 से अधिक कर्मचारी फेडरेशनों द्वारा 20 मई की देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बढ़-चढ़कर शामिल हुआ जाएगा। 

इस दौरान मजदूरों ने 'चार लेबर कोड रद्द कराके रहेंगे' के नारे भी बुलंद किए। जिला सचिव निर्मल सिंह झलूर ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को भी इस हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि ये श्रम संहिताएं उनके अधिकारों को भी बुरी तरह प्रभावित करेंगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को रोजगार की गारंटी, उचित मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए और इन श्रम संहिताओं के लागू होने से ये अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे। सरपंच परगट सिंह लाली ने मजदूरों के संघर्ष का समर्थन करते हुए कहा कि गांव पंचायत हमेशा मजदूरों के साथ खड़ी है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। किसान नेता चरणजीत सिंह ने भी मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान और मजदूर एक ही वर्ग के हैं और उन्हें मिलकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। 

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