Edited By Urmila,Updated: 06 Jun, 2023 06:44 PM

इस कारोबार से जुड़े लोग अपने सुनियोजित ढंग से किसानों से उपजाऊ जमीन सस्ते भाव में खरीद लेते हैं।
जालंधर छावनी : जालंधर छावनी विधानसभा हलके के अंतर्गत आते चिट्टी बई के आसपास दर्जनों गांव में माइनिंग का गोरखधंधा पिछले कई सालों से जोरों से चल रहा है। इस कारोबार से जुड़े लोग अपने सुनियोजित ढंग से किसानों से उपजाऊ जमीन सस्ते भाव में खरीद लेते हैं और खरीदने के बाद कानून की धज्जियां उड़ाते हुए मोटी कमाई करने की लालच में खेतों में 8 से लेकर 10 फुट तक मिट्टी खोदी जाती है, जबकि कानून के मुताबिक 3 फुट से अधिक मिट्टी नहीं खोदी जा सकती। इससे बरसात के मौसम में आस-पास के गांव में खतरे जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बन जाती है।
उल्लेखनीय है कि चिट्ठी बई के आसपास के गांव के लोगों ने कई बार माइनिंग अधिकारियों से अवैध तौर पर माइनिंग का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है, परंतु परिणाम वही ढाक के तीन पात। बता दें की माइनिंग के कारोबार से जुड़े तथाकथित लोग सड़क के किनारे लगते खेतों की जमीन भी खरीद लेते हैं और सड़क के किनारे से ही कई-कई फूट मिट्टी खोदी जाती है और सड़क का सत्यानाश करने में भी यह लोग कोई कसर नहीं छोड़ते। जबकि कानून के मुताबिक सड़क से कुछ मीटर जगह छोड़ कर मिट्टी खोदने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि माइनिंग का अवैध कारोबार माइनिंग अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इस कारोबार को शिरोमणि अकाली दल व एक नेता खुलेआम अंजाम दे रहा है और उसके दिन-रात मिट्टी से भरे टिप्पर सड़कों पर चलते आम दिखाई देते हैं। उसकी विभिन्न राजनीतिक पार्टी नेताओं से भी पूरी सैटिंग है। हालांकि राज्य की मौजूदा सरकार ने माइनिंग का अवैध कारोबार करने वालों को चेतावनी दी है और उसके बावजूद भी माइनिंग का अवैध कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। इस संबंध में जब माइनिंग अधिकारी राजीव गोयल से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनकी यहां से कुछ दिन पहले बदली हो चुकी है।
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