Edited By Urmila,Updated: 15 Nov, 2023 12:05 PM

पंजाब में चल रही धान खरीद पर हालांकि सरकार की तरफ से कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
चंडीगढ़ : पंजाब में चल रही धान खरीद पर हालांकि सरकार की तरफ से कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि धोखेबाजी करके अन्य प्रदेशों से लाकर धान पंजाब की मंडियों में न बेचा जा सके। इसी निगरानी के बीच ही पंजाब सरकार के सतर्कता तंत्र की घंटियां दीवाली के दिन ही घनघना उठीं। दीवाली के दिन राज्य की कुछेक मंडियों में पहुंची धान की बम्पर फसल में भ्रष्टाचार की मिलावट होने की आशंका के चलते खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह ने विजिलेंस चीफ को पत्र लिख कर जांच करने का आग्रह किया है। विजिलेंस को मंडियों की सूची भेज कर कहा गया है कि तुरंत इन मंडियों में पड़ी फसल और उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर गहनता से जांच की जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
44 मंडियों में छापामारी कर फसल का आकलन किया
संभावना है कि विजिलेंस द्वारा मामले की जांच किए जाने पर कई मार्कीट कमेटियों के अधिकारियों का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। यही कारण है कि खरीद एजैंसियों के स्टाफ में सोमवार शाम से ही हलचल मची हुई है, क्योंकि विजिलेंस ब्यूरो की टीमों द्वारा अब तक राज्यभर की 44 मंडियों में छापामारी करके वहां पड़ी फसल का आकलन कर लिया है और रिकॉर्ड की जांच अभी चल रही है।
धान की फर्जी खरीद बुक करने वालों पर हो कार्रवाई
विजिलेंस चीफ वरिंद्र कुमार को लिखे पत्र में कहा गया कि आपसे अनुरोध है कि कृपया इस मामले की जांच करें और किसी भी मिलर/ट्रांसपोर्टर/लेबर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करें, जिसने भी मंडी में धान की फर्जी खरीद बुक करने का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि कृपया खरीद केंद्रों में पड़े धान की मात्रा का तुरंत आकलन करें जोकि कागजों में दर्ज धान और भौतिक रूप से उपलब्ध धान के बीच कमी का पर्याप्त प्रमाण होगा। यह दिखाने का प्रयास भी किया जा सकता है कि कुछ धान का परिवहन किया जा चुका है लेकिन आगमन, सफाई, बैगिंग और परिवहन के साथ-साथ किसानों की भौतिक उपस्थिति के बीच लगने वाले समय का यथार्थवादी आकलन इस तरह के तर्क को मानने से पहले किया जा सकता है।
अभूतपूर्व आवक फर्जी खरीद दर्ज करने के प्रयास की ओर इशारा
सूत्रों के मुताबिक सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह ने अपने पत्र में कहा कि पिछले कुछ दिन में धान की आवक का पैटर्न गंभीर विसंगतियों की ओर इशारा करता है। दीवाली के दिन मार्कीट कमेटियों के अधिकारियों द्वारा 4.7 लाख मीट्रिक टन की अभूतपूर्व आवक बुक की गई है जबकि इस त्यौहार के दिन ऐसी आवक पहले कभी नहीं हुई थी क्योंकि किसानों को पता है कि कर्मचारी, लेबर और आढ़ती त्यौहार के दिन उपलब्ध नहीं होते हैं।
यह स्पष्ट रूप से बेईमान तत्वों द्वारा धान की रीसाइकिंलग करने और फर्जी खरीद दर्ज करने के प्रयास की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य के सीमावर्ती जिलों जिनमें रोपड़, पठानकोट, होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, संगरूर और मुक्तसर जिले शामिल हैं, समेत बड़ी संख्या में मंडियां बंद कर दी गई हैं ताकि पड़ोसी राज्यों से पंजाब में धान लाने के प्रयासों को विफल किया जा सके। कुछ मंडियों को बंद करने से यह सुनिश्चित होता कि शेष मंडियों की बेहतर निगरानी होगी और ऐसे अवैध प्रयासों पर रोक लगेगी।
हालांकि मार्कीट कमेटियों के अधिकारियों ने निर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए बंद मंडियों में धान स्वीकार करना जारी रखा है। इस मामले की भी जांच की जानी चाहिए क्योंकि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि इन खरीद केंद्रों में धान का स्रोत पंजाब से नहीं आया है।
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