Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 09:30 AM
आबकारी एवं कराधान विभाग ने बोगस बिङ्क्षलग मामले में एक व्यक्ति को फर्जी बिल बुक सहित धर-दबोचा और पुलिस के हवाले किया।
लुधियाना (सेठी): आबकारी एवं कराधान विभाग ने बोगस बिङ्क्षलग मामले में एक व्यक्ति को फर्जी बिल बुक सहित धर-दबोचा और पुलिस के हवाले किया। जानकारी के अनुसार शमिंद्र सिंह नामक व्यक्ति स्थानीय हजूरी रोड पर फर्जी बिल काटने का काम कर रहा था, जिसकी भनक लगते ही संबंधित एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विभाग के ए.ई.टी.सी. भूपिंद्र गुप्ता को इस संबंधी जानकारी दी। इस पर जिला-3 की पूरी टीम ए.ई.टी.सी. भूपिंद्र गुप्ता, ई.टी.ओ. मनू गर्ग और सौरव सिंगला ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई शुरू कर दी।
मौके पर जो बिल बुक मिली है, वह सुन्दर नगर के एक नामी यूनिट की है, जिसका इस फर्जी बिल बुक से कोई लेना-देना नहीं है। नामजद व्यक्ति ने विभाग को बताया की वह स्थानीय रेलवे स्टेशन पर एक पासर का काम करता है व कम कीमत वाले फर्जी बिल उससे पासर व अन्य राज्यों को माल खरीद कर ले जाने वाले कारोबारी लेते हैं। पकड़ी गई फर्जी बिल बुक में से 246 और 250 नंबर के बिल बने हुए थे, जबकि उससे पहले की सीरीज के बिल किताब में नहीं थे अर्थात् फर्जी काम करने के बाद सबूत को मिटा दिया जाता था और ग्राहक से वसूला टैक्स जेब में डाल लेता था, जिससे सरकार के राजस्व को खुलेआम चूना लग रहा था।
सही कारोबार करने वालों को होता है नुक्सान
हजूरी रोड एसोसिएशन के प्रधान हरकीरत सिंह राणा व यार्न डीलर एसोसिएशन के राधेश्याम आहूजा ने कहा कि ऐसे फर्जी गोरखधंधों से सही कारोबार करने वालों को नुक्सान होता है, वहीं सरकार के राजस्व को भी चूना लग रहा है। उन्होंने मांग की कि विभाग पकड़े गए व्यक्ति के साथ सख्ती का रुख अपनाए, जिससे अन्य कारोबारी को नुक्सान न पहुंचे।
फर्जी बिलों के सहारे आई.टी.सी. क्लेम करते हैं कारोबारी
इस संबंध में ए.ई.टी.सी. भूपिंद्र गुप्ता ने बताया की जो लोग नकली बिल लेकर कारोबार करते हैं, वे सरकार के राजस्व को नुक्सान पहुंचाते हैं। इसलिए विभाग उपरोक्त नामजद व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने बताया कि इस पर एक्ट के अनुसार 129/130 धारा के अंतर्गत मामला बनता है पर यदि पुलिस तफ्तीश में किसी की बिल बुक गलत ढंग से प्रयोग की गई है तो आई.पी.एस. धारा भी जुड़ सकती है, जिसके अंतर्गत इसे 10 साल की सजा हो सकती है।
पहला नहीं है फर्जी बिल मामला
दाल बाजार मर्चैंट एसोसिएशन के प्रधान सुरेश धीर राजा ने कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग के जिला-3 में सबसे अधिक बोगस बिङ्क्षलग का कारोबार चलता है, जिस पर विभाग के अधिकारियों का कंट्रोल नहीं है। ये बिल ट्रांसपोर्टेशन व अन्य राज्यों को माल भेजने के लिए प्रयोग होते हैं।
पुलिस कर रही जांच
पंजाब पुलिस के हाथ जी.एस.टी. फ्रॉड का ऐसा मामला पहली बार आया है और अपनी जांच में नामजद व्यक्ति से इस बात की पूछताछ करेंगे। उसने अब तक किन-किन कारोबारियों के जी.एस.टी. नंबर का दुरुपयोग करके सस्ते दामों पर लोगों को बिल दिए हैं।
क्या है मामला
दरअसल हौजरी पर 5 फीसदी जी.एस.टी. टैक्स है और अन्य राज्यों से हौजरी खरीद कर ले जाने वाले कारोबारी सस्ती कीमत अर्थात् 2 या 2.5 फीसदी टैक्स देकर ऐसे लोगों से बिल ले लेते हैं और अपना माल गंतव्य तक ले जाते हैं। ऐसा ही पासर लोग भी करते हैं, जो विभाग की आंख में धूल झोंकने के लिए ऐसे बिलों का इस्तेमाल करते हैं।