Punjab: खतरे में लोगों का स्वास्थ्य...हैरानीजनक मामला आया सामने

Edited By Kamini,Updated: 14 Nov, 2024 04:01 PM

ludhiana food wing of the health department

पंजाब के लोगों की सेहत खतरे में नजर आ रही है।

लुधियाना (सहगल) : पंजाब के लोगों की सेहत खतरे में नजर आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के फूड विंग की कार्यशैली लोगों की सेहत पर खतरा बना हुआ है। त्योहारों के दिनों में जब खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट का अंदेशा सबसे अधिक होता है। ऐसे वक्त में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने आशा के अनुरूप सैंपलिंग नहीं की और न ही इस बार फूड कमिश्नर द्वारा सभी जिलों में इंटर डिस्ट्रिक्ट टीमें भेज कर फूड सैंपलिंग कराई गई।

जिले में फूड सेफ्टी अफसर की शॉर्टेज 

एक फूड सेफ्टी अफसर को मोगा से एडिशनल चार्ज देकर लुधियाना भेजा गया। अक्टूबर महीने में दिवाली के आगमन से पहले जिले में जितने भी फूड सैंपल लिए गए उसकी रिपोर्ट त्योहारों से पहले नहीं आई। एक आध मामलों में मिलावटी सामान जब्त कर वाह-वाही लूटने का प्रयास किया गया, परंतु वह मामला भी विवादों में रहा। वहीं दूसरी और एक बस में से खोया पकड़ कर छोड़ दिया गया जिसकी चर्चा भी काफी दिनों तक बनी रही। आज तक अधिकारी भी यह नहीं बता पाए कि अक्टूबर महीने में कितने सैंपल लिए और उसमें से कितने सैंपल्स की रिपोर्ट फेल आई।

VIP ड्यूटी पर चार जिलों की टीमें तैनात

एक और जहां स्वास्थ्य विभाग में फूड सेफ्टी अफसरो तथा संसाधनों की शॉर्टेज का रोना हर समय रोया जाता है। वहीं दूसरी ओर 12 नवंबर को वीआईपी ड्यूटी देखते हुए 4 जिलों की फूड सेफ्टी अफसर की टीम में लुधियाना में तैनात की गई। इनमें से लुधियाना के अलावा जालंधर, कपूरथला तथा मोगा के फूड सेफ्टी अफसरो को तेनात किया गया। इनके साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी स्वास्थ्य सहायिका तथा ड्राइवरों को तैनात किया गया है। जहां तक संसाधनों की बात है फूड विंग की टीम यह कहकर सैंपल के टारगेट पूरे न होने का बहाना बनाती है, कि उनके पास विभाग द्वारा दिया गया एक ही वाहन है। इसलिए एक समय पर एक फूड सेफ्टी अफसर ही अपने इलाके में सैंपल लेने जा सकता है।

जिला स्तरीय एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य की शिकायत को किया अनदेखा

दीपावली के दिनों में जिला स्तरीय एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य जो 20 वर्ष तक कमेटी में रहे ने रेलवे स्टेशन के पास एक फोर व्हीलर को खोये के टीन लोड करते हुए देखा जो यूपी से रेलगाड़ी द्वारा लुधियाना लाया गया था। परंतु जिला स्वास्थ्य अधिकारी के अलावा सहायक फूड कमिश्नर ने उनकी शिकायत पर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया और देखते ही देखते वह गाड़ी मुजफ्फरनगर से आए खोये को लोड करके चली गई। बाद में जिला स्तरीय कमेटी के पूर्व सदस्य राज मल्होत्रा ने लिखित तौर पर इसकी शिकायत फूड कमिश्नर को भेजी है

देसी घी के मामले में वर्षों से जांच लंबित 

जिले में 2 मामले काफी चर्चा में रहे है। इनमें से एक स्वास्थ्य विभाग द्वारा पकड़े गए मिलावटी 10 क्विंटल जब्त मिलावटी देसी घी स्टॉक का गायब हो जाना। इसके अलावा 27 क्विंटल मिलावटी देसी घी के जब्त किए हुए स्टॉक की वर्षों तक जांत न करना। बाद में फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान उसमें छेड़छाड़ पाए जाने के बावजूद दोनों मामले में पुलिस को सूचित न करना शामिल है। विभाग द्वारा जांच के नाम पर इन मामलों को वर्षों से लटकाया जा रहा है। यह मामला पंजाब राज्य मानवाधिकार कमीशन तथा विजिलेंस के पास भी पेंडिंग बताया जाता है, परंतु स्वास्थ्य अधिकारी अपने अधिकारियों को बचाने में लगे बताए जाते हैं

विभाग में एडिशनल प्रभार का चलन 

राज्य में कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी होने पर, जिला स्वास्थ्य अधिकारियों तथा फूड सेफ्टी अफसर को एडिशनल चार्ज देने का चालन काफी जोरों पर है। उदाहरण के तौर पर 16 अगस्त को 30 फूड सेफ्टी अफसरो की ट्रांसफर के निर्देश जारी हुए। इनमें से कईयो के पास एक से अतिरिक्त जिलों अथवा इलाकों का प्रभार दिया गया। 27 अगस्त को 3 जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को अतिरिक्त जिलों का प्रभार सोपा गया, जिनमें से पटियाला के जिला स्वास्थ्य अधिकारी को संगरूर श्री मुक्तसर साहिब के जिला स्वास्थ्य अधिकारी को फिरोजपुर तथा जालंधर के जिला स्वास्थ्य अधिकारों को लुधियाना का प्रभार सौंपने के निर्देश जारी हुए

सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी की उड़ी धज्जिया

त्योहारों के दिनों मे स्वास्थ्य विभाग के फूड विंग की अनदेखा करो मौज करो की पॉलिसी से सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के दावे धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दीपावली के दिनों में नाम मात्र की सैंपलिंग की गई। दूसरी और इन दोनों बाजारों में स्वास्थ्य अधिकारियों के नाम पर पैसे इकट्ठे करने वाले एजेंट काफी सक्रिय रहे। परंतु क्या मजाल कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने किसी भी शिकायत पर कोई नोटिस लिया हो। एक बिना डिग्री का डॉक्टर स्वास्थ्य अधिकारियों के नाम पर बाजार में काफी सक्रिय रहा। कहा जाता है कि चाह कर भी ड्रग विभाग के अधिकारी आज तक पकड़ नहीं पाए।

क्या कहते रहे अधिकारी

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि खाने पीने की वस्तुओं की जांच का काम जारी रहेगा और मिलावट खोरो के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन के अनुसार किसी भी फूड बिजनेस ऑपरेटर जिसके सैंपल जांच में फेल होते हैं। नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी और आने वाले दिनों में सैंपलिंग के काम में तेजी लाई जाएगी।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here  

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!