Ludhiana: सेंट्रल जेल में सलाखों से मजबूत दिखा अपराध का Network

Edited By Urmila,Updated: 01 Jan, 2025 06:11 PM

ludhiana central jail mobiles

अक्सर कहा जाता है कि अपराध से ज्यादा कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधियों को जेलों में डाल दिया जाए तो वह वक्त की करवटों के साथ सुधर जाते हैं।

लुधियाना (स्याल) : अक्सर कहा जाता है कि अपराध से ज्यादा कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधियों को जेलों में डाल दिया जाए तो वह वक्त की करवटों के साथ सुधर जाते हैं। लेकिन यह तब है जब सिस्टम में सख्ती हो और किसी तरह की कोई ढिलाई न बरती जाए। पर जमीनी स्तर पर आते आते सरकारों के दावों की हवा निकल रही है। जेल का डर दिखाकर अपराधियो को सुधरने की ताकीद की जाती है। आज वहीं जेलें अपराधियों के लिए कथित रूप से सुरक्षित रहकर नैटवर्क चलाने के लिए कारगर साबित हो रही हैं। साल 2024 भी इससे अछूता नहीं रहा और ताजपुर रोड की सैट्रल जेल  की सलाखों से ज्यादा मजबूत अपराध का नैटवर्क दिखा।

बता दें कि वर्ष के 12 महीने  जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली आगा दौड़ पीछा चौड़ वाली रही। लाखों रूप वेतनों व करोड़ों रूपए सुरक्षा तंत्र पर खर्च करके भी जेल में मोबाइल तक की एंट्री को जेल प्रशासन नहीं रोक पाया। एक ओर जहां मोबाइलों को बरामद करने के लिए जेल प्रशासन हाथ पांव मारता है। वहीं गुपचुप ढंग से जेलों की विभिन्न बैरकों तक मोबाइलों का पहुंचना यह सिद्ध करता रहा कि सुरक्षा व्यवस्था में कई छेद हैं। इन्हें जेल प्रशासन सुधारने में असफल साबित हो रहा है। कई बार तो ऐसा लगा कि पंजाब सरकार का अफसरशाही पर नियंत्रण ही नहीं है जिसके चलते मोबाइलों की एंट्री वर्ष के हर महीने जेल में बदस्तूर जारी रही।

जेल से प्रत्येक माह मिलने वाले मोबाइलों की रिपोर्ट

जनवरी- 157 मोबाइल
फरवरी- 80 मोबाइल
मार्च-48 मोबाइल
अप्रैल-12 मोबाइल
मई- 5 मोबाइल
जून-नशीले पदार्थ
जुलाई-28 मोबाइल
अगस्त-36 मोबाइल
सितंबर- 3 मोबाइल
अक्तूबर-16 मोबाइल
नवंबर-46 मोबाइल
दिसंबर-11 मोबाइल
कुल-442 मोबाइल

जेल में कैसे पहुंचता है मोबाइल

जेल में कैसे और कौन से समय में मोबाइल पहुंचता है। यह जेल के प्रशासन को आज तक समझ नहीं लग पाया। जेल के अफसर अक्सर  कहते सुने जाते हैं कि हजारों कैदियों/हवालातियों के मुकाबले गार्द की कमी है। लेकिन  जहां लाखों रूपए पंजाब सरकार जेल स्टाफ के वेतनों का खर्च उठाती है। उसके बावजूद सालभर में 442 मोबाइलों की बरामदगी का आंकड़ा जेल स्टाफ की कथित घटिया कारगुजारी को साफ दिखा रहा है।

जेल मंत्री के दावों को जमीन पर उतरने में लगेगा समय 

दूसरी ओर पंजाब के नये बने जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर अपने बयानों में अक्सर कहते सुनाई देते हैं कि पंजाब की जेलों को उच्च कोटि का बनाया जाएगा। गार्द के साथ साथ जेलों में सी.सी.टी.वी भी लगाए जाएंगे। जो राज्य की 8 केन्द्रीय जेलों की सुरक्षा को और पुख्ता करेगा। मोबाइल को रोकने के लिए 750 से अधिक कालिंग सिस्टम स्थापित किये जाएंगे। लेकिन यह हकीकत में कब कायम होंगे। इसका सरकार के पास कोई रोड मैप नहीं दिख रहा जिससे यह कहा जा सकता है कि साल 2024 जेल विभाग के लिए नाकामियों के दामन से भरा रहा।

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