Edited By Urmila,Updated: 01 Jan, 2025 03:27 PM
बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कई दिनों से किनारे पर पक्का मोर्चा लगा लिया है।
लुधियाना: बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कई दिनों से किनारे पर पक्का मोर्चा लगा लिया है। इस दौरान उनके द्वारा बुड्ढे नाले में सीधे तौर पर गिर रहे डेयरियों के गोबर के कई प्वाइंट पकड़े गए हैं और इन डेयरी वालों के खिलाफ बिजली के कनेक्शन काटने के साथ ही पुलिस केस दर्ज करने की कार्रवाई हुई है जिसके बाद नगर निगम, ड्रेनेज विभाग, पी पी सी बी, ग्लाडा व ग्रामीण विकास व पशु पालन विभाग के अफसरों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्योंकि डाइंग-इंडस्ट्री के केमिकल युक्त पानी से भी ज्यादा गोबर को बुड्ढे नाले के प्रदूषण की बड़ी वजह माना जाता है, जिसे रोकने के लिए कोर्ट, एन जी टी व सरकार द्वारा काफी देर पहले निर्देश देने के साथ ही लगातार मीटिंगों में इस मुददे पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन उपरोक्त विभागों के अफसरों को बुड्ढे नाले में सीधे तौर पर गिर रहे डेयरियों के गोबर के कनेक्शन नजर नही आए। जिन कनेक्शनों को काटने के लिए संत सीचेवाल को ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर खुद पोक लेन मशीन का स्टेयरिंग संभालना पड़ा।
यहां तक कि संत सीचेवाल रियालिटी चेक के लिए लोकल बाडीज मंत्री रवजोत सिंह, एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी तेजवीर सिंह व डायरेक्टर को भी मौके पर लेकर गए। जहां संत सीचेवाल की टीम द्वारा डेयरियों के गोबर की लिफटिंग के लिए अपने स्तर पर टैंकर व ट्रालियां लगाए गए हैं जिससे बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने के मामले में संबंधित विभागों के अफसरों की संजीदगी की तस्वीर साफ हो गई है। जिनके द्वारा बुड्ढे में सीधे तौर पर गोबर गिरने से रोककर उसकी डिस्पोजल का वैकल्पिक प्रबंध करने की जिम्मेदारी नही निभाई जा रही है।
संत सीचेवाल द्वारा कमान संभालने के एक हफते के भीतर ही गौशाला श्मशान घाट के प्वाइंट के नजदीक अस्थाई डिस्पोजल बनाने का काम भी शुरू हो गया है। हालांकि इस प्वाइंट पर पंपिंग स्टेशन बनाने का प्रोजेक्ट नगर निगम द्वारा मंजूर किया गया है लेकिन जगह के विवाद को लेकर कोर्ट में चल रहे केस की वजह से निर्माण अधर में लटका हुआ है जिसके चलते 60 एम एल डी से ज्यादा सीवरेज का पानी सीधे तौर पर गिरने की वजह से बुड्ढे नाले में प्रदूषण का लेवल डाउन नहीं आ रहा है।
इस हालात से निपटने के लिए संत सीचेवाल द्वारा इस प्वाइंट पर अस्थाई डिस्पोजल बनाने सुझाव दिया गया है। इस योजना को लेकर नगर निगम व सीवरेज बोर्ड के अफसर अभी विचार ही कर रहें हैं कि संत सीचेवाल द्वारा अस्थाई रूप से डिस्पोजल बनाने का काम शुरू भी कर दिया गया है। जिसके लिए कोई सरकारी मदद लेने की बजाय संत सीचेवाल की टीम द्वारा कार सेवा की जा रही है।
यह अपनाया जाएगा पैट्रन
गौशाला श्मशान घाट के प्वाइंट के नजदीक स्थित प्वाइंट से सीधे तौर पर बुड्ढे नाले में गिर रहे पानी को रोकने के लिए बांध बनाया जाएगा। इस पानी को वहां पहले से मौजूद दो डिस्पोजल व एक नई बनाई जा रही डिस्पोजल में ले जाया जाएगा। जहां से पंप करके सीवरेज के पानी को किनारे पर पहले से डाली गई पाइप के जरिए एस टी पी तक पहुंचाने का पैट्रन अपनाया जाएगा। इसकी पुष्टि चीफ इंजीनियर रविंद्र गर्ग ने की है।
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