Edited By Updated: 29 Mar, 2017 10:06 AM
आबकारी एवं कराधान विभाग की गलत एक्साइज पॉलिसी के कारण प्रदेश के कई शहरों में 29 मार्च को ठेकों की नीलामी होना मुश्किल लग रहा है,
लुधियाना (सेठी): आबकारी एवं कराधान विभाग की गलत एक्साइज पॉलिसी के कारण प्रदेश के कई शहरों में 29 मार्च को ठेकों की नीलामी होना मुश्किल लग रहा है, क्योंकि विभाग के पास ठेकों की अलॉटमैंट के लिए अर्जियां पिछले वर्ष से बहुत कम आई हैं, जिस कारण विभाग को प्रदेश के कुछ शहरों को छोड़कर अन्य शहरों में कल नीलामी की जा सकती है। विभागीय सूत्रों से पता चला है कि इस बार राज्यभर से ऑनलाइन अर्जियों से आने वाला राजस्व केवल 41 करोड़ रुपए है, जबकि वर्ष 2016-17 में 147.81 करोड़ रुपए का राजस्व इन्हीं अर्जियों से आया था। इस बार स्थानीय ठेकेदारों द्वारा इस कारोबार में दिलचस्पी न दिखाने के कारण विभाग के एक्साइज पॉलिसी मेकर की जमकर क्लास लगी है, जिसके पश्चात सूत्रों से जानकारी मिली है कि लुधियाना शहरी सहित प्रदेश के अन्य कई शहरों के लिए 29 व 30 मार्च को दोबारा ठेकेदारों से अर्जियां मांगी जाएंगी ताकि 31 मार्च को ठेकों की नीलामी कर 1 अप्रैल से नई दुकानें खोली जा सकें। इस कशमकश में विभाग के उच्च अधिकारियों व कर्मचारियों का बड़ा जमावड़ चंडीगढ़ स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग में लगा रहा कि 29 मार्च को ठेकों की नीलामी किस प्रकार से की जा सके परंतु सारा दिन बीत जाने के बाद विभाग ने फैसला किया कि जिन क्षेत्रों की अर्जियां नीलामी के योग्य आई हैं, वहां समय पर नीलामी करवाई जाए और अन्यों में तारीख निश्चित करना अभी बाकी है।
इन शहरों में आज हो सकती है नीलामी
विभाग द्वारा निश्चित 29 मार्च को अमृतसर, जालंधर, रोपड़, संगरूर, लुधियाना के समराला क्षेत्र सहित कुछ छोटे शहरों में नीलामी करवाई जा सकती है। इसलिए हुई नीलामी में देरी विभाग द्वारा ठेकों की नीलामी के लिए जो अर्जियां मांगी गई थीं, उनमें केवल 41 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष से 30 फीसदी है, जबकि बड़ी बात यह है कि प्रदेश के सबसे बड़े शहर लुधियाना के 16 ग्रुप के लिए केवल 7 अर्जियां ही ऑनलाइन प्राप्त हुई हैं, जिसे देखकर विभाग के आलाधिकारियों के पसीने छूट गए।
इस प्रकार होगी नीलामी
सूत्रों के अनुसार ठेकों को प्राप्त करने के लिए विभाग ने पहली बार 24 मार्च से 27 मार्च तक अर्जियां मांगी थीं, जिसमें असफल रहने के बाद अब 29 और 30 मार्च को दोबारा अर्जियां मांगी जाएंगी और यदि इस बार भी विभाग असफल सिद्ध हुआ तो एक बार इसी सिस्टम को तीसरी बार भी दोहराया जा सकता है परंतु चौथी बार सरकार इन ठेकों को खुद चलाने के लिए हर प्रकार के मापदंड को इस्तेमाल करेगी। इस दौरान कुछ समय के लिए ठेके बंद भी किए जा सकते हैं।
ठेकेदारों को यह है समस्या
दरअसल विभाग ने इस बार ठेके तो घटाकर 5900 के लगभग प्रदेश में किए हैं और ग्रुप भी कम किए हैं। वर्ष 2016-17 में लुधियाना शहरी के 30 ग्रुप थे, जो इस बार कम होकर 16 रह गए हैं और विभाग ने 14 प्रतिशत देसी और 21 प्रतिशत इंगलिश शराब का कोटा कम किया है परंतु लाइसैंस फीस कम नहीं की है। यही कारण है कि इस बार एक ग्रुप 40 करोड़ रुपए के लगभग होगा, जिसे ठेकेदार नहीं पचा रहे हैं। वे चाहते हैं कि जहां कोटा और कम किया जाए, वहीं लाइसैंस फीस भी 15 से 20 प्रतिशत कम की जाए परंतु विभाग इस ओर आने को तैयार नहीं है लेकिन यही हालात रहे तो विभाग 5 प्रतिशत की कमी कर सकता है परंतु इस समय विभाग के सामने ठेकों को चलाना है।