करतारपुर साहिब पाकिस्तान जाने वाली संगत के लिए Good News

Edited By Kalash,Updated: 23 Oct, 2024 12:39 PM

kartarpur sahib in pakistan

करतारपुर साहिब पाकिस्तान ने भारत के तीर्थयात्रियों को वीजा-मुक्त करतारपुर कारीडोर गलियारे के माध्यम से गुरुद्वारा श्री करतारपुर जाने की अनुमति देने के लिए भारत के साथ अगले पांच वर्षों के लिए एक समझौते को नवीनीकृत किया है।

गुरदासपुर/नारोवाल (विनोद): करतापुर साहिब पाकिस्तान ने भारत के तीर्थयात्रियों को वीजा-मुक्त करतारपुर कारीडोर गलियारे के माध्यम से गुरुद्वारा श्री करतारपुर जाने की अनुमति देने के लिए भारत के साथ अगले पांच वर्षों के लिए एक समझौते को नवीनीकृत किया है। सीमापार सूत्रों के अनुसार मूल रूप से पांच साल की अवधि के लिए 24 अक्टूबर, 2019 को हस्ताक्षरित यह समझौता 24 अक्टूबर, 2024 को समाप्त होने वाला था लेकिन इसकी समाप्ति से पहले ही यहां के विदेश कार्यालय ने मंगलवार को समझौते के नवीनीकरण की घोषणा कर दी।

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने अतिरिक्त अवधि के लिए गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब करतारपुर जिला नारोवाल, पाकिस्तान में तीर्थयात्रियों की यात्रा की सुविधा के लिए भारत गणराज्य की सरकार और इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान की सरकार के बीच समझौते के नवीनीकरण की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार समझौते का नवीनीकरण अंतर-धार्मिक सद्वभाव और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए भारत सदा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यह समझौता भारत के तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा श्री करताारपुर साहिब के पवित्र धार्मिक स्थान की यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए वीजा-मुक्त पहुंच प्रदान करना जारी रखता है। जहां सिख धर्म के श्रद्धेय संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी ने अपने अंतिम दिन बिताए थे। अपनी स्थापना के बाद से, गलियारे ने हजारों तीर्थयात्रियों को इस पवित्र स्थान की तीर्थयात्रा की सुविधा प्रदान की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर सिख समुदाय की उनके सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक तक पहुंच की लंबे समय से चली आ रही इच्छा को पूरा करता है।

करतारपुर कारीडोर की पहल भारत तथा पाकिस्तान के बीच स्थापित पहला वीजा-मुक्त गलियारा था। इससे पहले, तीर्थयात्रियों को करतारपुर गुरूद्वारे के दर्शन के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता था और वीजा पाने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ता था। वणर्नीय है कि 24 नवम्बर  2019 में जब इसका उद्घाटन किया गया तो इसे शांति का गलियारा कहा गया। आशा थी कि वीज़ा-मुक्त गलियारा खुलने से तनाव कम होगा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा परंतु एैसा हुआ नही। तत्कालीन प्रधान मंत्री इमरान खान ने गलियारे का उद्घाटन किया, जबकि भारत के पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य भारतीय राजनेता उपस्थित थे।

हालांकि कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई, लेकिन शीर्ष भारतीय राजनयिक ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष और प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ के साथ अनौपचारिक बातचीत की। यात्रा बिना किसी घटना और रुकावट के संपन्न हुई क्योंकि दोनों पक्षों ने एससीओ सम्मेलन के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ व्यापार संबंधी आरोपों से परहेज किया। वणर्नीय है कि भारतीय सिख संगठनों ने इस कारीडोर गलियाए के रास्ते जाने सिख श्रद्वालुओं के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा लगाए 20 डालर शुल्क को समाप्त करने तथा भारत सरकार से पासर्पोट की शर्त को समाप्त करने की मांग की थी। पंरतु दोनो ही सरकारों ने नए करार में इन दोनो शर्तो को कायम रखा है।

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