Punjab : बसों में सफर करने वालों के लिए अहम खबर, 3, 7, 8 और 9 तारीख के लिए...

Edited By VANSH Sharma,Updated: 28 Mar, 2025 06:01 PM

important news for those traveling in buses

पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में कच्चे कर्मचारियों और परिवहन विभाग के लिए कोई ठोस फैसला न लेना यह साबित करता है कि सरकार परिवहन विभाग के प्रति गंभीर नहीं है और निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

जालंधर (पुनीत) : पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में कच्चे कर्मचारियों और परिवहन विभाग के लिए कोई ठोस फैसला न लेना यह साबित करता है कि सरकार परिवहन विभाग के प्रति गंभीर नहीं है और निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बसों में महिलाओं के मुफ्त सफर के लिए 450 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जबकि 450 करोड़ के फंड की राशि 3 महीनों से कम समय में ही पूरी हो जाएगी, जिसके बाद सरकार पर मुफ्त सफर की देनदारी बढ़ेगी। अगर ऐसा चलता रहा तो अगले बजट से पहले यह देनदारी 1000 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग की 600-700 करोड़ रुपये की देनदारी सरकार पर बाकी है, जिससे विभाग की हालत पहले ही बहुत खराब हो चुकी है। नई बसें पाने की योजना नहीं बन रही है। टायरों और स्पेयर पार्ट्स की कमी के कारण कई बसें खड़ी हैं, पनबस में टिकट मशीनें तक नहीं हैं। सरकार को बने तीन साल से ज्यादा हो गए हैं, फिर भी कच्चे कर्मचारियों को अभी तक पक्का नहीं किया गया। सूबा चेयरमैन बलविंदर सिंह, प्रधान रेशम सिंह गिल, मीट प्रधान हरकेश कुमार, सचिव शमशेर सिंह, जगतार सिंह, कैशियर बलजीत सिंह, रमदीप सिंह, ज्वाइंट सचिव जोध सिंह, जलोर सिंह, मीट प्रधान बलजिंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने जुलाई 2024 में यूनियन के साथ मीटिंग में एक महीने के अंदर मांगों का हल करने का भरोसा दिया था। इसके बाद फरवरी 2025 में सीनियर अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में 10 दिनों में नीति बनाने और उसे कैबिनेट में पास कराने की बात की गई थी, लेकिन अब तक किसी भी मुद्दे का हल नहीं निकला।

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इस बजट सत्र में परिवहन विभाग के कच्चे कर्मचारियों को अपनी मांगें पूरी होने की उम्मीद थी, लेकिन किसी भी मांग पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इससे निराश होकर यूनियन ने 1 अप्रैल को जालंधर बस स्टैंड पर सूबा स्तरीय मीटिंग बुलाने का ऐलान किया, जिसमें पंजाब सरकार के खिलाफ अगली रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले बनाए गए संघर्ष कार्यक्रमों को भी जारी रखा जाएगा। इसके तहत 3 अप्रैल को सूबे के सभी बस स्टैंड बंद करके सरकार और मैनेजमेंट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 7, 8 और 9 अप्रैल को पूरे पंजाब में हड़ताल करके धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

पनबस और पी.आर.टी.सी. को अपनी ओर से लोन लेकर बसें खरीदनी होती हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार इस प्रक्रिया को मंजूरी नहीं दे रही। ऐसा लग रहा है कि सरकार विभाग का निजीकरण करने की तैयारी में है, जिसके तहत अपने चहेते लोगों की बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। यूनियन इसका सख्त विरोध करती है और किसी भी कीमत पर प्राइवेट बसों को चलने नहीं देगी। वहीं, यूनियन द्वारा पंजाब की जनता को सरकार की नीतियों के खिलाफ जागरूक करने के लिए बसों में प्रचार किया जाएगा और जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, संघर्ष जारी रहेगा।
 

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