जालंधर उप चुनाव की जीत में हरचंद सिंह बरसट की चुनावी रणनीति का भी रहा अहम रोल

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 16 May, 2023 09:11 PM

harchand singh barsat s election strategy also played an important role

आम आदमी पार्टी ने जालंधर लोक सभा उप चुनाव जीत कर एक नया इतिहास रच दिया है।

पटियाला (राजेश) : आम आदमी पार्टी ने जालंधर लोक सभा उप चुनाव जीत कर एक नया इतिहास रच दिया है। संगरूर लोक सभा की उप चुनाव की हार से सबक लेते हुए पार्टी ने जालंधर लोक सभा उप चुनाव में कोई रिस्क नहीं लिया और यह चुनाव जीतने के लिए दिन-रात मेहनत की। मुख्यमंत्री भगवंत मान की चुनावी रैलियों ने जालंधर की हवा बदल दी। मुख्यमंत्री के भाषण लोगों को बेहद पसंद आए और लोगों ने उनकी बातें और कामों पर विश्वास करते हुए पार्टी के हक में एक तरफा वोटिंग की। जालंधर उप चुनाव की जीत में हरचंद सिंह बरसट की चुनावी रणनीति का भी अहम रोल रहा।

जिस समय लोकसभा चुनाव का ऐलान हुआ तो उससे तुरंत बाद पार्टी ने इसको गंभीरता के साथ लेते हुए पार्टी के राज्य महासचिव और पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट को इस लोक सभा उप चुनाव का इंचार्ज लगा कर जालंधर भेज दिया। शुरूआती दिनों में जालंधर की हवा पूरी तरह कांग्रेस के हक में लग रही थी। जालंधर का पुराना राजनीतिक इतिहास और संतोख सिंह चौधरी की मौत के बाद उस परिवार को मिलने वाली हमदर्दी आम आदमी पार्टी के लिए चिंता का बड़ा विषय था।

सरकार के एक साल 2 महीने बीतने के बाद भी वर्कर एडजस्ट न होने के कारण पार्टी के वर्कर मायूस थे। हरचन्द सिंह बरसट ने सबसे पहले पार्टी के वालंटियरों और वर्करों के मनोबल को ऊंचा उठाने के लिए काम किया। जो वर्कर घरों में बैठे थे, बरसट उनके पास गए और उनको पार्टी की इस लड़ाई में काम करने के लिए प्रेरित किया। हरचन्द सिंह बरसट की मेहनत के बाद पार्टी का समूचा कैडर एकजुट हो गया और बरसट की प्रेरणा के साथ पार्टी के वालंटियर आम आदमी पार्टी के हक में डट गए।

हरचन्द सिंह बरसट 2002 से 2007 वाली कैप्टन सरकार समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे थे। उस समय जितने भी उप चुनाव हुए, वह चुनाव कांग्रेस पार्टी ने किस तरह जीताया, लोगों को किस तरह प्रभावित किया, इस बारे बरसट को अच्छी तरह जानकारी थी। बरसट ने एक सुलझे हुए चुनावी रणनीतिकार की तरह पहले जालंधर लोक सभा हलके अधीन पड़ते सभी विधान सभा हलकों की जमीनी रिपोर्ट के लिए और किस हलके में किस पार्टी के नेता को आम आदमी पार्टी में शामिल करने के साथ पार्टी को फायदा मिल सकता है, इस की स्टडी की।

बड़ी संख्या में दूसरी पार्टियों के जन आधार वाले नेता उन्होंने पार्टी में शामिल करवाए। सैंकड़ों पंच सरपंच आम आदमी पार्टी में शामिल हुए, जिस के साथ माहौल पूरी तरह आम आदमी पार्टी के हक में हो गया। हरचन्द सिंह बरसट के लम्बे राजनीतिक अनुभवों का लाभ आम आदमी पार्टी को मिला। इसके अलावा बरसट की तरफ से गई मेहनत और उनकी तरफ से जालंधर में 65 दिन की गई तपस्या काम आई और पार्टी ने इतिहास रचते हुए बम्पर बहुमत के साथ यह सीट जीती। इन 65 दिनों में हरचन्द सिंह बरसट सुबह 6 बजे से लेकर रात को 12 बजे तक काम करते रहे और उन एक भी छुट्टी नहीं ली। इस जीत के साथ हरचन्द सिंह बरसट का पार्टी में और सरकार में भी कद बढ़ा है।
 

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