GST के अधूरे सिस्टम के चलते कारोबारी आज भी परेशान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 11:54 AM

goods and service tax

जी.एस.टी. की खामियों के कारण आज भी कारोबारी परेशान हैं। इस असुविधा की वजह सरकार का सिस्टम दुरुस्त न होना है। 1 जुलाई को जी.एस.टी. लागू हुआ था और तब से लेकर अब तक एक भी रिटर्न फाइनल नहीं हुई है। जी.एस.टी. कौंसिल ने जी.एस.टी. आर-1 भरने की अंतिम तारीख...

लुधियाना(सेठी): जी.एस.टी. की खामियों के कारण आज भी कारोबारी परेशान हैं। इस असुविधा की वजह सरकार का सिस्टम दुरुस्त न होना है। 1 जुलाई को जी.एस.टी. लागू हुआ था और तब से लेकर अब तक एक भी रिटर्न फाइनल नहीं हुई है। जी.एस.टी. कौंसिल ने जी.एस.टी. आर-1 भरने की अंतिम तारीख 31 दिसम्बर 2017 तक बढ़ाई है, जिससे जी.एस.टी. आर-2 अभी अंधेरे में है और इससे देश के 84 लाख रजिस्टर्ड डीलरों में से 50 फीसदी का हजारों-करोड़ों रुपए रिफंड सरकार के पास पड़ा है, जिसे देने के लिए विभाग ने किसी प्रकार का प्रावधान अभी तैयार नहीं किया है। इस तरह कारोबारियों की पूंजी सरकार के पास पड़ी है और कारोबार मंदी की ओर जा रहा है।दरअसल जी.एस.टी. पोर्टल में 51 फीसदी का शेयर प्राइवेट और 49 फीसदी सरकार के हाथों में है इसलिए मैनेजमैंट प्राइवेट अर्थात् एच.डी.एफ.सी., आई.सी.आई.सी. व एल.आई.सी. इत्यादि के पास है। इसलिए कौंसिल पूरे नुक्सान की भरपाई इन कम्पनियों से करे, क्योंकि सिस्टम की गड़बड़ी के कारण और रिटर्न फाइनल न होने से मिसमैच की समस्या गंभीर होती जा रही है, जिस कारण बोगस बिलिंग सिस्टम प्रफुल्लित हो सकता है और इस पर विभाग अंकुश लगाने में असमर्थ है। 

3-बी रिटर्न भरने पर नहीं निकलता प्रिंट
20 नवम्बर तक 3-बी रिटर्न फाइनल करनी होती है। सूत्रों की मानें तो यदि कोई कारोबारी इसे फाइल करता है तो कौंसिल द्वारा इसके प्रिंट निकालने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे कारोबारी परेशान हैं। इस रिटर्न को भरने के पश्चात उसकी कॉपी रखनी तो बनती है परंतु यह सब सिस्टम की गड़बड़ी का परिणाम है। 

रिफंड क्लेम करने का नहीं बना प्रावधान 
पंजाब डायर एसोसिएशन के महासचिव बॉबी जिंदल के अनुसार जिन्होंने 3-बी रिटर्न द्वारा टैक्स भरा है और ट्रान-1 पुराने आई.टी.सी. का क्लेम जो जुलाई से अक्तूबर तक का बनता है, उसका रिफंड देने का सिस्टम विभाग ने अभी तक तैयार नहीं किया है, जो कारोबार व कारोबारियों के लिए नुक्सानदायक है। हजारों-करोड़ों का रिफंड सरकार के पास पड़ा है, जिसे प्राप्त करने के लिए कारोबारी विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन विभाग के हाथ खड़े होने के कारण कारोबारी परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं।

कुछ पासर उठा रहे है लाभ
विभाग का सिस्टम सही न होने का लाभ कुछ ट्रांसपोर्टर व पासर उठा रहे हैं। सैंकड़ों ट्रकों व हजारों नग रेल द्वारा महानगर में प्रतिदिन आते हैं और सबके साथ बिल लगा होता है लेकिन समस्या है उन बिलों की पहचान कर पाना, जो विभागीय अधिकारियों के बस की बात नहीं है। कुछ बिल 4-4 दिन घूमते रहते हैं, जिसके चलते सरकार के राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है। सूत्र बताते हैं कि इनके द्वारा पेश किए गए बिल कई बार माल पहुंचने के बाद कैंसिल भी हो जाते हैं।

20 नवम्बर को भरी जाएंगी 2 रिटर्नें 
एडवोकेट आशीष थम्मन के अनुसार जी.एस.टी. &-बी रिटर्न और वैट-20 की वित्त वर्ष 2016-17 की रिटर्न भी 20 नवम्बर को ही भरी जाएगी। इससे कारोबारियों और प्रोफैशनल को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। कौंसिल का सिस्टम पहले से ही ठीक नहीं है। इस पर 2 प्रकार की रिटर्न एक दिन में भेजना असंभव है। एडवोकेट ने मांग की कि रा’य सरकार व जी.एस.टी. कौंसिल रिटर्न भरने की अंतिम तारीख में वृद्धि करे।

सिस्टम डाऊन से बोगस बिङ्क्षलग में वृद्धि संभव 
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव सुनील मेहरा व सचिव मोहिंद्र अग्रवाल के अनुसार सिस्टम की खराबी और रिटर्न की देरी के कारण बोगस बिलिंग सिस्टम बढ़ सकता है। जी.एस.टी. कौंसिल इसकी जांच करवाए। आखिर पोर्टल क्यों नहीं चल रहा, क्योंकि जी.एस.टी. का सारा दारोमदार इसी पोर्टल के सहारे है और देश के 84 लाख जी.एस.टी. रजिस्टर्ड डीलर इसी पर काम करते हैं। व्यापार मंडल ने दुख जताया कि जुलाई की जी.एस.टी. आर-1 केवल 44 लाख डीलरों ने भरी है, जिसका खामियाजा तमाम डीलरों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि इससे जी.एस.टी.आर-2 अधर में है और मिसमैच क्लीयर न होने के कारण आने वाले समय में सही कारोबारियों को परेशानी में डालने वाला है। मेहरा और अग्रवाल ने कहा कि जी.एस.टी. कौंसिल बेशक रेट कम करके सही कदम उठा रही है लेकिन यहां सवाल सिस्टम का है, जिसके बिना दुरुस्त हुए यह कर प्रणाली कामयाब नहीं हो पाएगी। मंडल नेताओं ने अपनी मांग को दोहराया और कहा कि अब भी समय है कौंसिल में कारोबारियों को प्रतिनिधित्व दिया जाए, क्योंकि जिसने मुश्किलें सहन करनी हैं, वही दर्द समझ सकता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!