पंजाबियों की शादियों में अब लड़कियां परोसने लगीं शराब

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 02:39 PM

girls serve wine in punjabi weddings

पंजाबियों की शादियों में अब लड़कियां स्टेज से उतरकर लोगों के बीच आ गई हैं। पहले लड़कियां केवल स्टेज पर नाचकर लोगों का मनोरंजन करती थीं लेकिन अब नए रुझान के तहत लड़कियां विवाह में शामिल लोगों को शराब भी परोसने लगी हैं।

बठिंडा (परमिंद्र): पंजाबियों की शादियों में अब लड़कियां स्टेज से उतरकर लोगों के बीच आ गई हैं। पहले लड़कियां केवल स्टेज पर नाचकर लोगों का मनोरंजन करती थीं लेकिन अब नए रुझान के तहत लड़कियां विवाह में शामिल लोगों को शराब भी परोसने लगी हैं। उक्त लड़कियां न केवल गिलासों में शराब डालकर देने वाले बार टैंडर का काम करती हैं बल्कि लोगों के टेबलों तक जाकर उन्हें शराब के गिलास भी सर्व कर रही हैं। इन दिनों यह रुझान बड़े आयोजनों में देखा जा रहा है लेकिन जल्द ही इसके आम होने के आसार हैं। अब देखना यह है कि पंजाबी इस गलत रुझान को रोकने के लिए कोई कदम उठाते हैं या इसे और उत्साहित करते हैं। 


डांस का विरोध, शराब परोसने को मंजूरी 
कुछ साल पहले मैरिज पैलेसों में वैस्टर्न या छोटे कपड़ों में डांस करने का रुझान तेजी से बढ़ा था जिस कारण उसका विरोध होने लगा। विरोध को देखते हुए पंजाब में कई सभ्याचारक ग्रुप पैदा हुए जिनमें लड़कियां पंजाबी सूट या पूरे कपड़े पहनकर नाचने लगीं। उक्त ग्रुप्स अब तक चल रहे हैं। लेकिन अब लड़कियों द्वारा शराब परोसने के शुरू हुए रुझान का कोई विरोध नहीं कर रहा। बेशक यह रुझान पंजाबी सभ्याचार के विरुद्ध है व पंजाबी की अमीर विरासत को नुक्सान पहुंचा रहा है लेकिन इसके विरोध में अभी तक कोई आवाज नहीं उठाई गई। गौरतलब है कि एक गैर पंजाबी पंडित राओ धरेनवर द्वारा पंजाबी सभ्याचार को बचाने के लिए मुहिम शुरू की गई है लेकिन पंजाबी खुद इस प्रकार के रुझान को उत्साहित करने में लगे हुए हैं। 


लड़कियों का मेहनताना भी अधिक 
एकत्रित जानकारी के अनुसार शादियों में शराब परोसने वाली उक्त लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त होती हैं व अधिकांश तौर पर इंगलिश में बात करती हैं। पंजाब विशेषकर मालवा इलाके में इस प्रकार का कोई सॢवस प्रोवाइडर नहीं है जिस कारण शादियों पर अधिक पैसा खर्च करने वाले लोग इन लड़कियों को चंडीगढ़ या दिल्ली आदि से विशेष तौर पर मंगवाते हैं। इनका मेहनताना भी लड़कों के मुकाबले अधिक होता है। लड़के जहां इस काम के लिए 2000 रुपए तक चार्ज करते हैं वहीं लड़कियां शराब परोसने के काम का 2500-3000 रुपए तक लेती हैं। इसके साथ ही जो लड़कियां मॉकटेल आदि बनाने के लिए आती हैं उनका मेहनताना इससे कहीं अधिक होता है। बड़ी शादियों में यह रुझान तेजी से बढ़ रहा है। 

लड़कियों के कारण होते हैं विवाद 

यहां यह भी जिक्रयोग्य है कि विवाह-शादियों में शराब पीने के बाद अक्सर विवाद हो जाते हैं व पंजाब में तो अधिकांश शादियों में शराब के कारण हंगामे होते रहते हैं। ऐसे में अगर शराब परोसने का काम लड़कियों से करवाया जाता है तो विवाद होने की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं। शराबी हालत में युवक या विवाह में शामिल रिश्तेदार गोलीबारी तक कर देते हैं जबकि लड़कियों को देखकर इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि भी दर्ज हो सकती है। शराबी हालत में कोई व्यक्ति इन लड़कियों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है जिस कारण शादी में हंगामा हो सकता है व शादी समारोह में खलल पडऩे से संबंधित लोगों या परिवारों को भी दिक्कतें आ सकती हैं। 


विवाह-शादियों में लड़कियों द्वारा शराब परोसने का रुझान निंदनीय है। यह न केवल हमारी संस्कृति के विरुद्ध है बल्कि इससे महिलाओं का भी अपमान होता है। इस प्रकार के रुझान को रोकने की जरूरत है।’
                —बीरबल बांसल बीरू, समाज सेवी। 

पंजाब वासियों को इस प्रकार के गलत रुझान से बचना चाहिए। विवाह-शादियों में शराब परोसना वैसे ही गलत रुझान है। लेकिन लड़कियों से इस प्रकार शराब परोसने का काम लेना पंजाबी सभ्याचार के विपरीत है।’
—करतार सिंह जौड़ा, अध्यक्ष, स्वर्णकार संघ। 


खोखली शान दिखाने के लिए कुछ पैसे वाले लोग शादियों में शराब परोसने का काम लड़कियों से करवाते हैं जो हमारे समाज के लिए एक घातक है। सरकार को चाहिए कि इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाए।’
    -सरूप सिंह, महासचिव,भाकियू (लक्खोवाल)। 

शराब परोसने के काम में लड़कों को ही लगाना चाहिए। कई बार शराब के नशे में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ हो जाती है तो विवाद हो जाता है। वैसे भी इस प्रकार की गतिविधियां हमारी अमीर विरासत को नुक्सान पहुंचाती हैं।’
    -रविकांत, सचिव , साथी वैल्फेयर सोसायटी।

 

क्या कहते हैं वैडिंग प्लानर 
इस संबंध में संगम कैटरर्स एवं वैडिंग प्लानर के संचालक राजिंद्र गर्ग ने कहा कि शादियों में बारात का वैल्कम आदि लड़कियों से करवाया जा सकता है लेकिन शराब परोसने के लिए लड़कियों को इस्तेमाल करना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि इससे न केवल हमारी संस्कृति को नुक्सान पहुंचता है बल्कि शादियों में माहौल खराब होने का डर भी बना रहता है। 

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