Edited By swetha,Updated: 29 Aug, 2019 01:28 PM
बेशक मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह केंद्र सरकार से बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए 1000 करोड़ रुपए मांग रहे हैं लेकिन पंजाब में बाढ़ से करीब 600 करोड़ रुपए के नुक्सान का ही अनुमान लगाया गया है।
चंडीगढ़(अश्वनी): बेशक मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह केंद्र सरकार से बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए 1000 करोड़ रुपए मांग रहे हैं लेकिन पंजाब में बाढ़ से करीब 600 करोड़ रुपए के नुक्सान का ही अनुमान लगाया गया है। यह आंकड़ा पंजाब राजस्व विभाग का है। राजस्व विभाग ने प्रदेश में बाढ़ से हुए नुक्सान पर जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें कहा गया है कि प्रदेश में करीब 365 करोड़ रुपए के ढांचागत व जानमाल का नुक्सान हुआ है जबकि करीब 235 करोड़ रुपए की फसल के नुक्सान का अनुमान है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय द्वारा जारी नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड के तहत दी जाने वाली आॢथक मदद के मानकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसमें अधिकतम 5 एकड़ भूमि के लिए 75 फीसदी से 100 फीसदी तक फसल तबाह होने पर 12 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजे का प्रावधान है। वहीं दुधारू पशुओं की मृत्यु पर अधिकतम 3 पशुओं के एवज में प्रति पशु 30 हजार रुपए मुआवजा निर्धारित है।
इसी तरह सभी तरह के नुक्सान व आपदा प्रबंधन का रेट फिक्स हैं। विभाग ने इन्हीं मानकों के आधार पर अब तक राज्य में बाढ़ से हुए नुक्सान की रिपोर्ट तैयार की है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की मानें तो मुआवजे की इस धनराशि में बदलाव तभी संभव है जब केंद्र सरकार नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड से धनराशि मुहैया करवाए इसलिए राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय से बाढ़ प्रभावित राज्यों की सूची में पंजाब को शामिल करने की मांग की थी ताकि इंटर-मिनिस्टीरियल सैंट्रल टीम के दौरे से पंजाब को अतिरिक्त धनराशि मिलने का रास्ता साफ हो सके।
6262.12 करोड़ खाते में लेकिन बंधे हुए हैं हाथ
पंजाब के स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड में करीब 6262.12 करोड़ रुपए पड़े हैं लेकिन इस धनराशि से पंजाब के कुल नुक्सान की भरपाई मुमकिन नहीं है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की मानें तो रिस्पांस फंड से केवल तय मानकों के आधार पर ही राशि निकाली जा सकती है। अगर किसी किसान के दुधारू पशु की कीमत 50 हजार रुपए है तो भी राजस्व विभाग इस फंड से दुधारू पशु की कुल कीमत अदा नहीं कर सकता है। यही वजह है कि धनराशि होने के बावजूद सरकार इसे खर्च नहीं कर सकती है।
इंटर-मिनिस्टीरियल सैंट्रल टीम पर दारोमदार
पंजाब में हुए नुक्सान की कुल भरपाई का पूरा दारोमदार इंटर-मिनिस्टीरियल सैंट्रल टीम के दौरे पर टिका है। यह टीम पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सबमिट करेगी। अगर टीम अपनी रिपोर्ट में पंजाब के लिए अतिरिक्त रिलीफ फंड की सिफारिश करती है तभी गृह मंत्रालय पंजाब को अतिरिक्त धनराशि जारी करेगा। खास बात यह है कि इस धनराशि के आबंटन पर किसी भी तरह का कोई मानक तय नहीं है। यानी अगर सरकार चाहे तो अपने स्तर पर मुआवजा तय कर सकती है। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर पंजाब में बाढ़ से करीब 2000 करोड़ रुपए के नुक्सान का अनुमान लगाया गया है।
7 सदस्यीय केंद्रीय टीम करेगी पंजाब में नुक्सान का आकलन
बाढ़ से हुए नुक्सान का जायजा लेने के लिए जल्द ही 7 सदस्यीय इंटर-मिनिस्टीरियल सैंट्रल टीम पंजाब का दौरा करेगी। इस बाबत केंद्रीय टीम ने पंजाब सरकार को पत्र भेज दिया है जिसमें कहा है कि सप्ताह भर के भीतर टीम के सदस्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी तक डेट फाइनल नहीं की गई है लेकिन टीम के दौरे को लेकर सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। इस दौरे के बाद टीम प्राथमिक रिपोर्ट तैयार करेगी जिसके बाद राज्य सरकार के भेजे ब्यौरे के आधार पर आकलन किया जाएगा और अतिरिक्त फंड जारी करने की पहल होगी।
बाढ़ आपदा राहत कार्यों पर तत्काल 242.33 करोड़ रुपए खर्च
पंजाब में अब तक बाढ़ आपदा राहत कार्यों को लेकर रूपनगर, मोगा, जालंधर, कपूरथला, फिरोजपुर में तत्काल 242.33 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसी कड़ी में शार्ट टर्म राहत प्रबंधन पर 41.85 करोड़ रुपए और लॉन्ग टर्म राहत प्रबंधन पर 191.38 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।