Edited By Urmila,Updated: 22 May, 2024 04:03 PM
![fire breaks out in residential area major accident averted](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_16_00_197176752fire-ll.jpg)
बेशक नाड़ को आग लगाने पर सख्त प्रतिबंध है किन्तु फिर भी प्रतिदिन नाड़ को आग लगाने से सैंकड़ों दुर्घटनाएं हो रही हैं।
बटाला (साहिल, योगी, अश्वनी): बेशक नाड़ को आग लगाने पर सख्त प्रतिबंध है किन्तु फिर भी प्रतिदिन नाड़ को आग लगाने से सैंकड़ों दुर्घटनाएं हो रही हैं जिससे लाखों रुपए का नुकसान होने के साथ-साथ कीमती जानें भी मौत के मुंह में चली जाती हैं।
यहां तक कि पशु-पक्षी भी मर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद नाड़ को आग लगाकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह शब्द अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार रक्षक पंजाब मीडिया प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि पिछले मंगलवार की रात करीब 9 बजे राजदा रोड स्थित निजी स्कूल के समीप आवासीय क्षेत्र में किसी ने गेहूं के नाड़ में आग लगा दी और नियमों का उल्लंघन किया। आपको बता दें कि यह आग इतनी भयानक थी कि सड़क किनारे लगे पौधे भी जल गए और जमीन में मौजूद छोटे-छोटे जानवर और पक्षी भी इसकी चपेट में आ गए।
इसके साथ ही आग का भयानक धुआं इलाके के घरों में फैल गया जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया। गुरप्रीत सिंह ने इस नाड़ को जलाने की निंदा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन कुंभकरणी नींद में सोया हुआ है और कई दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन इसके बावजूद नाड़ में आग लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने जिला डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर से मांग की कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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