पंजाब की नदियों में सीवरेज घुला तो हर महीने लगेगा 5 लाख रुपए जुर्माना

Edited By Vatika,Updated: 14 Dec, 2019 09:43 AM

fine of rs 5 lakh will be imposed every month

नदियों में घुल रही गंदगी पर अब गैर-जिम्मेदाराना रवैया जेब पर भारी पड़ सकता है।

चंडीगढ़(अश्वनी): नदियों में घुल रही गंदगी पर अब गैर-जिम्मेदाराना रवैया जेब पर भारी पड़ सकता है। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया है कि मार्च 2020 के बाद अगर सतलुज, ब्यास, घग्गर और काली बेईं नदी में गंदगी घुली तो प्रति माह 5 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया जाएगा।

यह जुर्माना उन अधिकारियों से भी वसूला जा सकता है जो प्रदूषण रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मार्च 2020 तक 100 फीसदी सीवरेज ट्रीटमैंट किया जाए। अगर सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में देरी हो रही है तो कम से कम बायोरिमीडिएशन या अन्य विकल्प से गंदे पानी की गुणवत्ता में सुधार किया जाए ताकि नदियों का पानी स्व‘छ हो। ट्रिब्यूनल ने पंजाब सरकार को 31 मार्च, 2021 तक एक्शन प्लान भी अमल में लाने को कहा है। पंजाब सरकार ने सतलुज-ब्यास और घग्गर नदी पर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। ट्रिब्यूनल का कहना है कि राज्य सरकार ने इन एक्शन प्लान में जिन सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के निर्माण या उनके चालू होने का उल्लेख किया है, वह सभी कार्य 31 मार्च, 2021 तक पूरे हो जाने चाहिएं। अगर ऐसा नहीं होता है तो सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के चालू न होने पर प्रति माह 10 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया जाएगा। 


मॉनीटरिंग कमेटी देगी हर 2 महीने में रिपोर्ट 
ट्रिब्यूनल ने नदियों के प्रदूषण पर गठित मॉनीटरिंग कमेटी के संबंध में भी कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब मॉनीटरिंग कमेटी प्रत्येक 2 माह में एक रिपोर्ट तैयार कर ट्रिब्यूनल को भेजेगी।  इस रिपोर्ट में कमेटी द्वारा जो सवाल उठाए गए होंगे, उन पर चीफ सैक्रेटरी, स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को 2 सप्ताह के भीतर ट्रिब्यूनल को जवाब देना होगा। मॉनीटरिंग कमेटी रा’य सरकार की रैगुलेटरी अथॉरिटी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा सकेगी।


नदियों के कैचमैंट एरिया में गंदगी पर सख्त ट्रिब्यूनल
ट्रिब्यूनल ने नदियों से जुड़े नालों को भी प्रदूषण मुक्त करने का आदेश सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि पंजाब की नदियों से जुडऩे वाले सभी नालों की सफाई सुनिश्चित होनी चाहिए। स्थानीय निकाय विभाग को ऐसे ठोस कदम उठाने होंगे, जिससे इन नालों में ठोस कचरे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगे। साथ ही, इन नालों में प्रदूषित पानी की निकासी भी बंद हो। ट्रिब्यूनल ने यह निर्देश मॉनीटरिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार जारी किए हैं। कमेटी ने 29 अक्तूबर, 2019 को ट्रिब्यूनल में अपनी रिपोर्ट सबमिट की थी, जिसमें नदियों के कैचमैंट एरिया का विस्तृत ब्यौरा दिया है।

रिपोर्ट में सतलुज दरिया का हवाला देते हुए बताया गया कि दरिया के आसपास करीब 50 शहर हैं। इन शहरों से रोजाना करीब 1421.3 मिलियन लीटर गंदा पानी निकलता है। इसमें से करीब 1040.30 मिलियन लीटर पानी को ही सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से जोड़ा जा सका है जबकि करीब 381 मिलियन लीटर गंदे पानी की सफाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जो सीधे सतलुज में घुल रहा है। ऐसे में इन शहरों में करीब 75 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की जरूरत है। इस समय 29 शहरों में 48 ट्रीटमैंट प्लांट काम कर रहे हैं। 3 शहरों में 5 ट्रीटमैंट प्लांट निर्माणाधीन हैं। इसी कड़ी में ब्यास दरिया के आसपास करीब 15 शहर हैं। इन शहरों से रोजाना करीब 105.3 मिलियन लीटर गंदा पानी निकलता है। इसमें से पंजाब सरकार अब तक करीब 76.1 मिलियन लीटर पानी को ही सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से जोड़ पाई है जबकि बाकी का करीब 29.2 मिलियन लीटर गंदा पानी रोजाना ब्यास नदी में घुल रहा है। ब्यास नदी के आसपास 15 शहरों में अभी भी 21 सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की आवश्यकता है। मौजूदा समय में केवल 10 ट्रीटमैंट प्लांट ऑप्रेट हो रहे हैं। 

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!