Edited By Urmila,Updated: 02 Oct, 2024 04:16 PM
भारती किसान यूनियन एकता सिधुपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने 13 दिन तक चले किसान आंदोलन के दौरान और भी 750 से अधिक किसान शहीद हो गए।
जैतो (रघुनंदन पराशर): भारती किसान यूनियन एकता सिधुपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने 13 दिन तक चले किसान आंदोलन के दौरान और भी 750 से अधिक किसान शहीद हो गए और उन काले कानूनों का उल्लंघन किया गया और उन्हें वापस भेज दिया गया और 3 अक्टूबर को यूपी के लखीमपुर खीरी में एक पत्रकार रावण काशव और चार किसानों नछत्तर सिंह दलजीत सिंह लवप्रीत सिंह और गुरविंदर सिंह को एक भाजपा के बेटे ने गाड़ी से कुचल दिया था।
सत्ता के नशे में चूर लोकसभा सदस्य ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने और उन शहीदों के पक्ष में हां में हां मिलाते हुए कार्रवाई के लिए आवाज उठाने का ऐलान किया है जिस देश को लेकर मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन एकता सिधूपुर के इस रेल रोको आंदोलन के दौरान फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन, फाजिल्का रेलवे स्टेशन, बरनाला रेलवे स्टेशन, संगरूर रेलवे स्टेशन, मानसा रेलवे स्टेशन, मोगा रेलवे स्टेशन समेत ट्रेनों को रोकने की ड्यूटी लगाई है और जिला बठिंडा में मौड, रामा मंडी, संगत, गोनियाना, बहमन दीवाना और लहरा मोहब्बत, फिरोजपुर रेलवे स्टेशन, जिला लुधियाना में पिंड लल कलां रेलवे स्टेशन, किला रायपुर रेलवे स्टेशन, फरीदकोट रेलवे स्टेशन और श्री अमृतसर साहिब मानावाला रेलवे स्टेशन और वेरका, जिला गुरदासपुर बटाला रेलवे स्टेशन, जिला पटियाला शंभू रेलवे स्टेशन, जिला श्री मुक्तसर साहिब से मुक्तसर और फकसर, जिला जालंधर से फगवाड़ा, तरनतारन से पट्टी, मोहाली से शांडू रेलवे स्टेशन तक दोपहर 12 बजे से 2.30 बजे तक ट्रेनों के पहिए जाम रहेंगे।
उन्होंने सभी न्याय प्रिय और जुल्म के खिलाफ लड़ने वाले हर देशवासी को शहीदों के पक्ष में हां का नारा मारते हुए इस ट्रेन रोको आंदोलन में भाग लें, क्योंकि उन शहीदों द्वारा हर गरीब अमीर आदमी के चूल्हे पर रोटी पकती रखने के लिए हैं और कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में अनाज को जाने से रोकने के लिए आंदोलन लड़ा गया। इस बीच, भारतीय किसान एकता (बीकेई) के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने केंद्र सरकार से अपना अड़ियल रवैया छोड़ने और किसानों की सभी जायज मांगों को स्वीकार करने को कहा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करेगी, तब तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि अगर संघर्ष के दौरान किसी भी किसान को नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी।
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