‘कैप्टन साहिब नशा केन्द्र तो बनवाए पर नशे से दूर रखने के लिए स्टेडियम कब बनेंगे’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 03:02 PM

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समय-समय की सरकारों ने भले ही पंजाब के शहरों, गांवों आदि में विकास के कार्य करवाए हों व नौजवानों को नशों से दूर रहने के लिए करोड़ों रुपए विज्ञापनों पर भी खर्च किए गए, परंतु नौजवानों को नशों से दूर रखने के प्रयास न के बराबर किए गए। नशे करने वाले...

गिद्दड़बाहा (संध्या): समय-समय की सरकारों ने भले ही पंजाब के शहरों, गांवों आदि में विकास के कार्य करवाए हों व नौजवानों को नशों से दूर रहने के लिए करोड़ों रुपए विज्ञापनों पर भी खर्च किए गए, परंतु नौजवानों को नशों से दूर रखने के प्रयास न के बराबर किए गए। नशे करने वाले नौजवानों के लिए नशा छुड़ाओ केन्द्र तो बनवाए गए, परंतु नशा न करने के लिए नौजवानों के लिए खेल स्टेडियम नहीं बनवाए गए। स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ रहे बच्चे जब पढ़ाई के बोझ से कुछ तरोताजा होना चाहते हैं तो उनके लिए अपनी मनपसंद खेल खेलने के लिए पंजाब सरकार ने विधान सभा हलका गिद्दड़बाहा शहर जिसकी आबादी करीब 50 हजार की है, के बच्चों व नौजवानों के लिए खेल स्टेडियम बनाने का कोई योग्य प्रयास नहीं किया। बच्चे या तो खेलों में रुचि दिखाने के लिए रिहायशी क्षेत्रों में गलियों में खेलते हैं व पार्कों आदि में खेलते हैं।

उक्त बच्चे जब खेलने के लिए पार्क का प्रयोग करते हैं तो क्रिकेट खेलने वाले बच्चों की गेंदें पार्क के अंदर सैर करने आए या समय व्यतीत करने वाले नौजवानों, बुजुर्गों, महिलाएं व नन्हे-मुन्ने बच्चों आदि को लगती हैं जिसके कारण बच्चे चोटें खाकर गंभीर रूप में घायल हो जाते हैं। वहीं जब गलियों में खेलने वाले बच्चे क्रिकेट आदि खेलते हैं तो तेज उछलने वाली गेंद घरों के शीशे तोड़ देते हैं जिसके कारण बच्चों को गालियों का भी सामना करना पड़ता है। कई बार गुस्से में आए शीशे टूटने वाले घरों के मालिक बच्चों को उनकी गेंदें ही वापस नहीं करते।

इसके कारण मायूस होकर बच्चे दोबारा गेंद न खरीद सकने के कारण कई-कई दिन खेलते नजर ही नहीं आते। भारू रोड पर स्थित कामरेड चिरंजी लाल धीर म्यूनिसिपल पार्क के अंदर आने-जाने का समय निश्चित किए जाने के कारण अधिक करके पार्क के गेट पर ताला ही लगा रहता है परंतु क्रिकेट आदि खेलने के शौकीन बच्चे व नौजवान पार्क के आस-पास बनी रेलिंग को ऊपर से कूद कर पार्क के अंदर प्रवेश करने को मजबूर होते हैं।

शहरवासियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शहर में खेल स्टेडियम बनाए जाएं ताकि युवा खेलों में भाग लेकर नशे से दूरी बना सकें। अगर पंजाब सरकार पंजाब के नौजवानों को नशों से दूर करना चाहती है तो नशा छुड़ाओ केन्द्र की स्थापना करने के साथ-साथ खेल मैदानों का निर्माण करवाने के भी पुख्ता प्रबंध करे, ताकि स्कूल से पढ़ाई शुरू करने वाले नौजवान बच्चे जब मानसिक रूप में पढ़ाई से थकावट महसूस करें तो खेल मैदानों या खेल स्टेडियम के अंदर जाकर खेल सकें। पंजाब सरकार को चाहिए कि शहर के अंदर एक खेल का मैदान बनवाने के पुख्ता प्रबंध किए जाएं, ताकि बच्चे व नौजवान खेलों की ओर अपना ध्यान दें व अपनी जिंदगी का अच्छा खेलों में करियर बना सकें।
 

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