Edited By Vatika,Updated: 31 Dec, 2024 08:41 AM
किसानों द्वारा किए गए पंजाब बंद के कारण इंडस्ट्री को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।
जालंधर: किसानों द्वारा किए गए पंजाब बंद के कारण जालंधर की इंडस्ट्री को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। पंजाब बंद के कारण काफी औद्योगिक इकाइयां बंद रहीं जबकि कुछ स्थानों पर इंडस्ट्री में काम होते हुए भी देखा गया। इसलिए इंडस्ट्री पर मिश्रित असर पड़ा है। इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि जहां एक तरफ इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ा है वहीं पर दूसरी ओर यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी खराब है। बंद के कारण जी.टी. रोड से न तो माल इंडस्ट्री में आ सका और न ही इंडस्ट्री से जा सका। 3-4 दिनों से पंजाब बंद की काल आ रही थी जिसे देखते हुए बाहर से आने वाले माल की सप्लाई रुक गई थी।
उनका कहना है कि इंडस्ट्री के एक दिन बंद रहने से ही काफी खर्चों का बोझ इंडस्ट्री पर आन पड़ा है। उन्होंने कहा कि पंजाब बंद के बावजूद लेबर चार्जिस का भुगतान तो इंडस्ट्री को खुद ही करना पड़ेगा क्योंकि एक तो पंजाब में पहले ही लेबर की कमी चल रही है और दूसरा लेबर इस बात को स्वीकार नहीं करती है कि पंजाब बंद के कारण उन्हें छुट्टी दी जाए। इसलिए फैक्टरी मालिक को स्वयं ही फैक्टरी बंद करने के बावजूद लेबर चार्जिस का भुगतान करना पड़ेगा। शंभू बार्डर पर बड़ी गिनती में ट्रांसपोर्ट गाड़ियां फंसी पड़ी है तथा वहां पर काफी लम्बा जाम लगा हुआ है। इसलिए माल की सप्लाई इंडस्ट्री तक पहुंचते-पहुंचते अभी कुछ दिन और लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के साथ-साथ पंजाब सरकार को भी आज बंद के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। क्योंकि अगर इंडस्ट्री चलेगी नहीं तो फिर सरकार को टैक्स के रूप में राजस्व कहां से प्राप्त होगा। इंडस्ट्री पहले ही आर्थिक तौर पर नुकसान झेल रही है और चारों ओर से अभी इंडस्ट्री को नकरात्मक समाचार ही मिल रहे हैं। किसानों का मसला भी जल्द निपटाया जाना चाहिए ताकि जी.टी. रोड खुल सके और माल की बिना किसी विघ्न के सप्लाई हो सके।
लोहा सहित कच्चे माल के दामों में बढ़ौतरी
पंजाब बंद के कारण इंडस्ट्री के ऊपर कच्चे माल की कीमतों में बढ़ौतरी का बोझ आन पड़ा है। बंद की काल आने के बाद ही लोहा सहित अन्य कच्चे माल की सप्लाई को सप्लायर्स ने रोक दिया था। लोहे की कीमतों में आज उछाल आया है। इसी तरह से इंडस्ट्री में प्रयुक्त होने वाले अन्य कच्चे माल में भी बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि कच्चा माल महंगा होने से उत्पादन लागत में बढ़ौतरी हो जाएगी और इसका बोझ भी इंडस्ट्री के ऊपर आन पड़ेगा। कुल मिलाकर इंडस्ट्री तथा सरकार दोनों को ही इस नुकसान का बोझ सहन करना पड़ेगा।
इंडस्ट्री का क्या कसूर, उसे बंद में शामिल नहीं किया जाना चाहिए : अश्विनी कुमार
पंजाब बंद के दौरान इंडस्ट्री को भी शामिल किए जाने से इंडस्ट्री को हुए करोड़ों रुपए के नुकसान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रमुख निर्यातक अश्विनी कुमार बब्बू ने कहा कि इंडस्ट्री की किसानों के साथ पूरी सहानुभूति है। इंडस्ट्री चाहती है कि किसानों के मसले जल्द से जल्द हल होने चाहिए परंतु बंद में इंडस्ट्री को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बंद के कारण इंडस्ट्री पर सारा आर्थिक बोझ आ पड़ा है। अब अप्रवासी श्रमिकों को एक दिन का भुगतान इंडस्ट्री को अपनी जेब से करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री आज पंजाब बंद के कारण बंद रही परंतु हम श्रमिकों को तो अपनी जेब से भुगतान करेंगे। इस समय इंडस्ट्री को मजबूती देने का समय है क्योंकि वैश्विक स्तर पर परिस्थितियां अभी भी अनिश्चित बनी हुई हैं। किसान संगठनों को यह बात समझनी चाहिए कि इंडस्ट्री के बंद होने से जहां पंजाब सरकार को जी.एस.टी व अन्य टैक्सों का भुगतान नहीं होगा, वहीं दूसरी ओर इंडस्ट्री द्वारा बनाए जाने वाले माल की सप्लाई भी आज नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री तैयार माल भेजने के लिए तैयार थी परंतु बंद के कारण सारी आवाजाही सड़कों तथा रेल लाइनों पर ठप्प रही। भविष्य में भी अगर किसान संगठन ऐसा कदम उठाते हैं तो कम से कम इंडस्ट्री व लेबर को बंद से छूट दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्यात पर भी बुरा असर पड़ रहा है क्योंकि एक दिन के बंद के कारण पूरे एक सप्ताह इंडस्ट्री प्रभावित हो जाती है।