बड़े वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना DTO दफ्तरों के खात्मे का फैसला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 10:03 AM

dto offices to make trouble for drivers

एक तरफ जहां नई बनी कांग्रेस हुकूमत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में सत्ता संभालते ही राज्य भर के जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों में फैले कथित भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए डी.टी.ओ. के पद को खत्म करने के आदेश जारी किए थे, वहीं दूसरी तरफ...

मोगा (ग्रोवर): एक तरफ जहां नई बनी कांग्रेस हुकूमत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में सत्ता संभालते ही राज्य भर के जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों में फैले कथित भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए डी.टी.ओ. के पद को खत्म करने के आदेश जारी किए थे, वहीं दूसरी तरफ इन आदेशों के कारण कई स्थानों पर लोगों की परेशानी कम होने की बजाय बढऩे लगी है जिस कारण लोग परेशानी के आलम में से गुजर रहे हैं। ऐसा ही मामला शहर मोगा का है, जहां जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तर में बड़े वाहनों के लाइसैंस बनाने तथा रिन्यू करवाने की ट्राई का काम बंद होने से जिले के निवासियों को लगभग 55 किलोमीटर दूर फरीदकोट में जाना पड़ रहा है।

हैरानी की बात तो यह है कि जिले में से डी.टी.ओ. का पद खत्म होने के बाद जिले भर की सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने यह मांग जोरदार ढंग से उठाई थी कि सरकार चाहे भ्रष्टाचार को खत्म करने के मनोरथ से यह पद खत्म कर दे, लेकिन इस दफ्तर में हो रहे कार्यों को फरीदकोट शिफ्ट न किया जाए। इस मांग की तरफ अभी तक पंजाब सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है, जिस कारण बड़े वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

‘पंजाब केसरी’ की ओर से हासिल की गई जानकारी के अनुसार एल.टी.वी. से एच.टी.वी. तक लाइसैंसों का काम फरीदकोट में तबदील होने के कारण बड़े वाहन चालकों, ट्रकों, बसों तथा बड़ी गाडिय़ों के मालिकों को लाइसैंस की ट्राई के लिए फरीदकोट जाना पड़ रहा है। इस फैसले के कई महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक लॄनग लाइसैंसों का काम कई स्थानों पर बंद पड़ा है, जिस कारण निहाल सिंह वाला सब-डिवीजन से संबंधित लोगों को 30-35 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करके मोगा के नजदीकी गांव सिंघावाला में जाना पड़ रहा है।

फरीदकोट जाकर भी समय पर नहीं होता काम, हो रहे जुर्माने
मोगा के जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तर में अपने काम करवाने के लिए आए लोगों ने ‘पंजाब केसरी’ को बताया कि बड़े वाहनों के लाइसैंस रिन्यू करवाने समेत अन्य काम भी फरीदकोट जाने के बावजूद समय पर नहीं होते, जिस कारण लोगों को 1300 रुपए लेट फीस भरनी पड़ रही है। लोगों ने मांग की कि सरकार लोगों की परेशानी को देखते मोगा में ही बड़े वाहनों का काम शुरू करवाए। इसके साथ ही लोगों ने यह भी मांग की कि लॄनग लाइसैंस का काम भी मोगा के गांव सिंघावाला की बजाय मोगा के जिला प्रबंधकीय काम्पलैक्स में ही शुरू करवाया जाए।

बड़े वाहनों संबंधी सभी काम आर.टी.ए. फरीदकोट तबदील
जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों के सूत्रों से एकत्रित जानकारी अनुसार सरकार की ओर से डी.टी.ओ. के पद को खत्म करने उपरांत मोगा दफ्तर का समूचा काम आर.टी.ए. फरीदकोट में तबदील कर दिया है। जिले भर से संबंधित लोग रिन्यू लाइसैंस, परमिट, पासिंग तथा नए बड़े वाहनों की रजिस्ट्रेशन के लिए फरीदकोट जा रहे हैं।

मामला विधानसभा में उठाया जाएगा : विधायक बिलासपुर
डी.टी.ओ. दफ्तर मोगा से बड़े वाहनों संबंधी सभी कार्य फरीदकोट में तबदील होने पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए विधानसभा हलका निहाल सिंह वाला के विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर ने कहा कि बड़े वाहन के लाइसैंस तथा अन्य कार्यों को फरीदकोट शिफ्ट किए जाने से लोगों की परेशानी बेहद बढ़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने यह फैसला बिना सोचे-समझे ही ले लिया है। विधायक बिलासपुर ने कहा कि यह मामला पंजाब विधानसभा में उठाकर मोगा दफ्तर में दोबारा काम शुरू करवाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे।

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