नशे की दलदल में पंजाब,मासूम हो रहे शिकार

Edited By Updated: 20 Feb, 2017 03:45 PM

drug hit punjab districts see children dying early

पंजाब के सीमावर्ती जिलों जहां  नशीली दवाओं के दुरुपयोग और बरामदगी की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई है। Drug Punjab districts see children dying early

चंडीगढ़: पंजाब के सीमावर्ती जिलों जहां  नशीली दवाओं के दुरुपयोग और बरामदगी की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई है। यह अब नशे से मरने वाले युवाअों का अांकड़ां भी सबसे ज्यादा सामने अाया है। 28 वर्ष के बीच आयु वर्ग के युवाअों का अाकड़ां सबसे ज्यादा  हैं। कई मामलों में मौत का कारण अस्पष्ट है।

इन जिलों की खौफनाक तस्वीर से लोग अनजान हैं। सीमावर्ती जिलों से सटे गांवों में नशे की खेप इस कदर हावी है कि युवा अपनी जान गंवा रहे हैं। पंजाब  स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए  गए रिकॉर्ड में खुलासा किया  है कि यहां की युवा पीढ़ी नशे के गर्त में डूब मर रही है।  नशे करने वालों की पहले यह उम्र औसतन 18 साल होती थी लेकिन अब  घटकर 12 से 14 वर्ष हो गई है। पढ़ाई के बढ़ते तनाव के बीच स्कूल-कालेजों में छात्रों के साथ-साथ छात्राएं भी नशा ज्यादा करने लगी हैं। बच्चों में इसकी लत इतनी बढ़ गई है की उन्हे स्कूल में ही नशे का सामान मिल जाता है।

आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मीडिया साइंसेज एंड दिल्ली  नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट
सेंटर के गत वर्ष किए गए अध्ययन अनुसार अनुमान 2.3 लाख की आबादी इस लत से प्रभवावित है। 

ताजा अांकड़े अनुसार अकेले अमृतसर में  973 नवजात , 356 गुरदासपुर और 331 के  तरनतारन में इसके शिकार हुए। कुल मिलाकर, 3978 बच्चों का राज्य में पिछले साल अप्रैल से दिसंबर तक निधन हो गया। इनमें से 2,330 लड़के थे और 1,648 लड़कियां थीं।
 

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