Edited By Suraj Thakur,Updated: 05 Feb, 2019 06:26 PM
पंजाब के नए DGP दिनकर गुप्ता ही होंगे ये लगभग तय है। इसकी मात्र आधिकारिक घोषण ही बाकी रह गई है।
जालंधर, चंडीगढ़। पंजाब के नए DGP दिनकर गुप्ता ही होंगे ये लगभग तय है। इसकी मात्र आधिकारिक घोषणा ही बाकी रह गई है। 1987 बैच के IPS अधिकारी गुप्ता की सेवानिवृत्ति मार्च 2024 में होनी है। पंजाब के नए DGP के चयन को लेकर UPSC (संघ लोक सेवा आयोग ) की सोमवार को हुई बैठक में मोहम्मद मुस्तफा, दिनकर गुप्ता व सामंत गोयल के नाम पर अंतिम मुहर लगाई गई थी, जिसके बाद राज्य सरकार को तय करना था कि नया डीजीपी किसे तैनात किया जाएगा।
दिनकर गुप्ता के DGP बनने की वजह...
दिनकर गुप्ता का किसी भी राजनीतिक दल से नाता न होने के कारण उनके डीजीपी बनने की राह आसान हुई है। वह डीजीपी बनते हैं तो विपक्ष के पास डीजीपी की तैनाती को लेकर कोई मुद्दा नहीं रहेगा। वर्तमान में वह इंटेलिजेंस चीफ हैं। इससे पहले उन्होंने केंद्र सरकार में डैपूटेशन के दौरान आईबी में बतौर ज्वाइंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया है।
ये भी थी अटकलें...
सुरेश अरोड़ा के बाद सबसे वरिष्ठ आइपीएस सामंत गोयल हैं। वह अभी केंद्रीय डैपुटेशन पर खुफिया एजेंसी में तैनात हैं। वरिष्ठता के आधार पर उन्हें भी डीजीपी तैनात किया जा सकता है, लेकिन मामला अब राज्य सरकार के हाथ में है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस में गहरी पैठ के चलते मुस्तफा का डीजीपी बनना तय भी माना जा रहा था, लेकिन उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना सरकार में पहले ही कैबिनेट मंत्री हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस पद से उनको नवाजे जाने पर कांग्रेस के राजनीतिक समीकरण बदलने की प्रबल संभावना थी, क्योंकि अभी बेअदबी के मामलों में SIT की जांच जारी है। मुस्तफा को डीजीपी बनाए जाने पर विपक्षी दलों को बैठे बिठाए "पत्नी कैबिनेट मंत्री और पति डीजीपी" नारे के साथ गरम मुद्दा मिल जाता।
सूची में थे ये 6 नाम...
जानकारी के मुताबकि UPSC को भेजी गई वरिष्ठ IPSअधिकारियों की सूची में मोहम्मद मुस्तफा, दिनकर गुप्ता, एस चट्टोपाध्याय, एम.एल तिवारी, एम.के धवन और सामंत गोयल शामिल थे। वर्तमान में पंजाब के DGP सुरेश अरोड़ा कोर्ट के आदेशों के मुताबिक सेवा विस्तार पर चल रहे हैं। मामला क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था इसलिए उन्हें 9 माह का सेवा विस्तार दिया गया है।
राज्य सरकारें कर रही थी नियमों के बदलाव की मांग...
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस DGP के चयन और दो साल के न्यूनतम तय कार्यकाल के संबंध में अपने पिछले आदेश में बदलाव की मांग को लेकर पांच राज्यों की याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा कि 2006 के फैसले की मंशा पुलिस तंत्र को राजनीतिक और कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त करना था। पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल और बिहार ने 2006 के फैसले और इसके बाद तीन जुलाई 2018 के आदेश में बदलाव की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।
नियमों के मुताबिक ऐसे नियुक्त होंगे नए DGP...
DGP के चयन और कार्यकाल पर सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में निर्देश दिया था कि राज्य सरकार को तीन वरिष्ठतम अधिकारियों में से पुलिस प्रमुख का चयन करना चाहिए। न्यायालय ने कहा था कि राज्यों को पुलिस प्रमुख के सेवानिवृत्त होने से कम से कम तीन महीने पहले नए पुलिस प्रमुख के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों की सूची UPSC को भेजनी होगी।