आम आदमी पार्टी द्वारा बिना बहुमत बनाए नगर कौंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष पर कोर्ट ने लिया नोटिस

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 02 Feb, 2024 07:08 PM

court takes notice on aam aadmi party

नगर कौसल भवानीगढ़ के उपाध्यक्ष पद को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने 8 पार्षदों के बहुमत के फैसले को नजरअंदाज कर 6 पार्षदों वाले दल के पार्षद को उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद 8 पार्षदों के दल द्वारा  माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में...

भवानीगढ़ (कांसल): नगर कौसल भवानीगढ़ के उपाध्यक्ष पद को लेकर आम आदमी पार्टी ने 8 पार्षदों के बहुमत के फैसले को नजरअंदाज कर 6 पार्षदों वाले दल के पार्षद को उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर परिषद के नवनियुक्त उपाध्यक्ष की कामकाज पर रोक लगाकर स्टे आर्डर जारी कर दिया है। इस संबंध में आज स्थानीय शहर में नगर कौंसिल भवानीगढ़ के अध्यक्ष, कांग्रेसी पार्षदों, अकाली पार्षदों और कांग्रेसी नेताओं ने माननीय कोर्ट द्वारा जारी किए गए स्थगन आदेशों की प्रति दिखाते हुए इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए नगर कौंसिल अध्यक्ष सुखजीत कौर घबदीया के पति और कांग्रेस नेता बलविंदर सिंह घबदीया ने कहा कि 8 दिसंबर को नगर परिषद के उपाध्यक्ष पद के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान उनके दल के 8 पार्षद शामिल थे, जबकि सत्तारूढ़ दल वाली पार्टी के निर्वाचन क्षेत्र के विधायक और 6 पार्षद शामिल थे।

कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि उन्होंने नगर परिषद के उपाध्यक्ष के लिए अकाली दल के पार्षद गुरविंदर सिंह सग्गू का नाम प्रस्तावित किया था और सत्ता पक्ष की ओर से उपाध्यक्ष के लिए गुरतेज सिंह का नाम प्रस्तावित किया गया था, जिसमें केवल 6 पार्षद शामिल थे‌। कांग्रेसी पार्षदों ने आरोप लगाया कि इस मौके पर मौजूद सत्ता पक्ष का नेतृत्व कर रही हलका विधायक नरिंदर कौर भराज ने कथित तौर पर हमारे पक्ष के बहुमत की अनदेखी की और सत्ता पक्ष के पार्षद गुरतेज सिंह को जबरन नगर परिषद का उपाध्यक्ष घोषित कर दिया और फिर 23 जनवरी 2024 को उसकी नियुक्ति असंवैधानिक तरीके से की गई और उन्हें उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा दिया गया और शहर में उपाध्यक्ष की जगह कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए जाने के होल्डिंग तक लगाए गए।

कांग्रेसी पार्षदों ने कहा कि इसके बाद उन्होंने इस अन्याय के खिलाफ माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सत्ताधारी दल के इस असंवैधानिक नियुक्ति के फैसले को चुनौती दी, जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने सत्ता पक्ष द्वारा नवनियुक्त उपाध्यक्ष के कामकाज पर रोक लगाते हुए स्थगन आदेश जारी कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इससे पहले सत्ताधारी दल ने नगर परिषद के अध्यक्ष को भी असंवैधानिक तरीके से निलंबित कर दिया था और माननीय न्यायालय ने सत्ताधारी दल के इस फैसले पर भी रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा कि हमें यकीन है कि यहां सत्य की जीत होगी। इस मौके पर कांग्रेस नेता रणजीत सिंह तूर, अकाली पार्षद गुरविंदर सिंह सग्गू, नरिंदर सिंह हॉकी, संजीव लालका, हरमन नंबरदार, स्वर्णजीत सिंह मान, हरविंदर कौर पटियालो सभी पार्षद, मंगत शर्मा, गुरदीप सिंह घराचों, सुदर्शन सालदी, गोल्डी काकड़ा और जीत शामिल थे। 

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