Edited By Kalash,Updated: 19 Jul, 2025 06:13 PM

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नवीनतम परिणामों ने पंजाब के कई शहरों के स्वच्छता प्रदर्शन की पोल खोल दी है
गुरदासपुर (विनोद): गुरदासपुर शहर की हालत सफाई संबंधी दिन प्रतिदिन खराब हो रही है तथा यही कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नवीनतम परिणामों ने पंजाब के कई शहरों के स्वच्छता प्रदर्शन की पोल खोल दी है, जिसमें मध्यम शहरों की श्रेणी में गुरदासपुर शहर सबसे निचले पायदान पर आया है। इस सर्वेक्षण में पंजाब के कुल 166 शहर शामिल थे।
इस संबंधी प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरदासपुर शहर जो जिला मुख्यालय है (50,000-3 लाख की आबादी वाले मध्यम शहरों की श्रेणी) ने स्वच्छता मानकों में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया है। गुरदासपुर में घर-घर कचरा संग्रहण केवल 76 प्रतिशत दर्ज किया गया है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि यहां स्रोत पर कचरे के पृथक्करण की दर केवल 7 प्रतिशत है, जबकि कचरे को प्रोसैसिंग करने दर केवल 19 प्रतिशत है। गुरदासपुर को कचरा मुक्त शहर में नो स्टार का दर्जा दिया गया है, और इसका खुले में शौच मुक्त दर्जा भी ठीक नही है। राज्य स्तर पर इसकी रैंक 166 है, जो इसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों की सूची में सबसे निचले पायदान पर रखती है।
वहीं जिला गुरदासपुर को शहर डेरा बाबा नानक राज्य में 165वें स्थान पर। इसकी घर-घर कचरा संग्रहण दर 64प्रतिशत, स्रोत पर कचरा पृथक्करण दर 2 प्रतिशत और प्रौसैसिंग दर 0 प्रतिशत है। इसे भी नो स्टार जीएफसी दर्जा दिया गया है। गुरदासपुर का यह प्रदर्शन शहर की स्वच्छता के प्रति प्रशासन और नागरिकों की लापरवाही को दर्शाता है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि गुरदासपुर को स्वच्छता के मामले में एक बहुत ही मेहनत तथा योजनाबद्व ढंग से काम करने की जरूरत है। जबकि इस शहर की बदकिस्मती है कि यह शहर जिला मुख्यालय होने के बावजूद हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है। जबकि औघोगिक विकास संबंधी भी बहुत पीछे चल रहा है।
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